टीपू सुल्तान की जयंती पर रोक लगाना सरकार की बड़ी गलती: सिद्धारमैया

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कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने टीपू सुल्तान के जयंती समारोह पर रोक लगा दी है. सोमवार को हुए कैबिनेट बैठक में टीपू जयंती नहीं मनाने का फैसला लिया गया. सरकार के इस फैसले को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने गलत करार दिया है. उन्होंने कहा है कि कर्नाटक की बीजेपी सरकार के जरिए टीपू सुल्तान की जयंती पर रोक लगाने का फैसला गलत है और यह एक बड़ी गलती है.

ट्वीट के जरिए सिद्धारमैया ने कहा कि टीपू को सिर्फ इसलिए नहीं पहचाना गया क्योंकि वह अल्पसंख्यक समुदाय से थे बल्कि शासक के रूप में भी उनका योगदान रहा है. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और कई विकास कार्यों की शुरुआत की थी.

उधर, कर्नाटक कांग्रेस ने राज्य के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की एक तस्वीर शेयर की है. पार्टी ने अपने ट्वीट में लिखा कि इतिहास को विशुद्ध रूप से सांप्रदायिक दृष्टिकोण से देखते हुए, भाजपा के इतिहास में टीपू के योगदान को पढ़ना चाहिए.

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के विधायक बोपैया ने मुख्यमंत्री बीएस. येदियुरप्पा को चिट्ठी लिख राज्य में टीपू जयंती के जश्न पर रोक लगाने की मांग की थी. कर्नाटक में जब कांग्रेस-जेडीएस की सरकार थी, तो ये समारोह काफी धूमधाम से मनाया जाता था.

राज्य में टीपू जयंती का मुद्दा पहले से गर्म रहा है और भारतीय जनता पार्टी अक्सर इसका विरोध करती रही है. 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की जयंती हर साल 10 नवंबर को मनाई जाती है.

पिछले साल कांग्रेस-जेडीएस सरकार के दौरान इस जयंती को धूमधाम से मनाया गया था. कांग्रेस के सिद्धारमैया कई जगह कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना भी साधा था.

सिद्धारमैया का कहना था कि राज्य में महापुरुषों की जयंती मनाने की रस्म पहले से चलती आई है, हम भी उसी प्रथा को आगे बढ़ा रहे हैं.