जेट और एतिहाद एयरवेज के बीच हो रही देश की सबसे बड़ी एविएशन सेक्टर की डील सेबी के हस्तक्षेप करने से खतरे में पढ़ सकती है। सेबी ने इस डील के गंभीर परिणामों से फॉरन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) को अवगत कराया है।
सेबी ने इस मामले में एफआईपीबी को एक पत्र में लिख है कि दो हजार करोड़ की जेट-एतिहाद डील से जेट का कंट्रोल एत्तिहाद एयरलाइंस के पास ज…
जेट और एतिहाद एयरवेज के बीच हो रही देश की सबसे बड़ी एविएशन सेक्टर की डील सेबी के हस्तक्षेप करने से खतरे में पढ़ सकती है। सेबी ने इस डील के गंभीर परिणामों से फॉरन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) को अवगत कराया है।
सेबी ने इस मामले में एफआईपीबी को एक पत्र में लिख है कि दो हजार करोड़ की जेट-एतिहाद डील से जेट का कंट्रोल एत्तिहाद एयरलाइंस के पास जा सकता है। इससे डील की राह में रोड़ा आ गया है। पिछले साल एविएशन सेक्टर को विदेशी एयरलाइंस कंपनियों के लिए खोला गया था, उसके बाद की यह सबसे बड़ी डील है। इस डिवेलपमेंट से वाकिफ सीनियर सरकारी अफसर ने कहा, ‘सेबी ने ‘इफेक्टिव कंट्रोल’ पर अपनी राय दी है। उसने एत्तिहाद के हाथों में जेट का कंट्रोल जाने की आशंका जताई है।’ सेबी ने जेट और एतिहाद को लिखा है कि कंपनी में स्टेक के हिसाब से बोर्ड मेंबर्स अपॉइंट किए जाने चाहिए। उसने यह भी कहा है कि फॉरन इन्वेस्टर को वाइस चेयरमैन अपॉइंट करने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। न ही ऑडिट कमिटी में उसे अपने आप नुमाइंदगी मिलनी चाहिए। इस मामले में सेबी की सोच से वाकिफ लोगों ने यह बात कही।
हालांकि उड्डयन मंत्री अजित सिंह को इस डील में कोई खामी नजर नहीं आ रही, उनका कहना है कि सबकुछ नियमों के अनुसार हो रहा है। इससे के साथ ही उनका कहना है कि इस डील से जेट एयवेज के स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी।
लेकिन सेबी के इस मामले में दखल करने से अब ऐसा लगता है कि इस डील को फाइनल होने में कुछ समय लग सकता है।