डॉलर के मुकाबले रुपया पड़ा बेहद कमजोर…

0

रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले न्‍यूनतम स्‍तर पर पहुंच गया है, इससे पेट्रोल और दूसरी आयात होने वाली वस्‍तुओं की कीमत का बढ़ना तय माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पेट्रोल की कीमत में 1 से डेढ़ रुपए का इजाफा हो सकता है।

दरअसल, भारतीय बाजार में लगतार मंदी का दौर चल रहा है। वहीं दूसरी मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती और आयातकों की ओर से डॉलर मांग…

डॉलर के मुकाबले रुपया पड़ा बेहद कमजोर...

रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले न्‍यूनतम स्‍तर पर पहुंच गया है, इससे पेट्रोल और दूसरी आयात होने वाली वस्‍तुओं की कीमत का बढ़ना तय माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो पेट्रोल की कीमत में 1 से डेढ़ रुपए का इजाफा हो सकता है।

दरअसल, भारतीय बाजार में लगतार मंदी का दौर चल रहा है। वहीं दूसरी मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती और आयातकों की ओर से डॉलर मांग बढ़ने के कारण अंतरबंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (फारेक्स) में आज के शुरुआती कारोबार में डॉलर की तुलना में रुपया 48 पैसे कमजोर होकर सर्वकालिक निम्नस्तर 57.54 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया। फारेक्स बाजार में पिछले कारोबारी सत्र के दौरान रूपया 22 पैसे की गिरावट के साथ 57.06 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था, जो आज के शुरुआती कारोबार में 48 पैसे की और गिरावट के साथ 57.54 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया।

मार्केट एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक यूरो एवं अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती और आयातकों की ओर से डॉलर की जबर्दस्त मांग के कारण रुपए की धारणा प्रभावित हुई। दूसरी ओर ,बंबई शेयर बाजार का सूचकांक सोमवार के शुरुआती कारोबार में 136.88 अंक अथवा 0.71 फीसदी के सुधार के साथ 19,566.22 अंक पर पहुंच गया।

ऐसा माना जा रहा है कि रुपए में अभी और गिरावट हो सकती है। अगर ऐसा होता है, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर काफी प्रभाव पड़ेगा। इससे पेट्रोल के दाम बढ़ने तो तय माने जा रहे हैं। वहीं दूसरी आयात होने वाली वस्‍तुओं की कीमत में भी तेजी आना तय है।

बता दें कि पिछले लगातार पांच हफ्तों से रुपए की स्थिति में गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे पूरे एशियाई बाजार में किसी भी करेंसी में यह सबसे बुरी स्थिति में है। अगर हालात जल्‍द नहीं सुधरे तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

भारत के वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम ने अभी तक रुपए की बिगड़ती हालत पर कुछ बयान नहीं दिया है। हालांकि अगर उनके द्वारा कोई बयान जारी भी किया जाता है, तो उसमें यही उम्‍मीद जताई जाएगी कि हालात जल्‍द ही सुधरेंगे।

अब ट्रेडर्स की सारी उम्मीदें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पर लगी हुई हैं। दरअसल, आरबीआई ही अब रुपए की बिगड़ती हालत को संभाल सकता है। ट्रेडर्स की मानें तो आरबीआई की तरफ से रुपए को संभालने के लिए कुछ कदम उठाने के संकेत मिले हैं। फिलहाल सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या आरबीआई ब्याज दरों में बदलाव करेगा?