दिल्ली-एनसीआर में सीएनजी 2 रु. महंगा, नेचुरल गैस में जल्द वृद्धि संभव

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राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी की कीमतें आज 2 रुपये प्रति किलो बढ़ा दी गई। डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट के चलते जनवरी के बाद गैस मूल्य में यह दूसरी वृद्धि है। इसके अलावा पाइप के जरिये आपूर्ति की जाने वाली गैस.. पीएनजी, रसोई गैस  के दाम भी आज मध्यरात्रि से एक रूपये प्रति इकाई बढ़ा दिये गये हैं।

दिल्ली में वाहनों के लिये सीएनजी की कीमत आज मध्य रात्र…

दिल्ली-एनसीआर में सीएनजी 2 रु. महंगा, नेचुरल गैस में जल्द वृद्धि संभव

राष्ट्रीय राजधानी में सीएनजी की कीमतें आज 2 रुपये प्रति किलो बढ़ा दी गई। डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट के चलते जनवरी के बाद गैस मूल्य में यह दूसरी वृद्धि है। इसके अलावा पाइप के जरिये आपूर्ति की जाने वाली गैस.. पीएनजी, रसोई गैस  के दाम भी आज मध्यरात्रि से एक रूपये प्रति इकाई बढ़ा दिये गये हैं।

दिल्ली में वाहनों के लिये सीएनजी की कीमत आज मध्य रात्रि से 41.90 रुपये प्रति किग्रा होगी जो फिलहाल 39.90 रपये है। पड़ोसी क्षेत्र नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में सीएनजी की दरें 2.25 रुपये बढ़ाकर 47.35 रुपये प्रति किग्रा की गई हैं।

इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने एक बयान में कहा, दिल्ली के घरों में पीएनजी का उपभोक्ता मूल्य दो महीनों में 30 मानक घन मीटर तक खपत के लिए संशोधित कर 23.50 रुपये से बढ़ाकर 24.50 रुपये प्रति मानक घन मीटर कर दिया गया है।

दो महीने में 30 मानक घन मीटर से अधिक की खपत के लिए दिल्ली में लागू होने वाली दर 40.50 रुपये प्रति मानक घन मीटर होगी। उत्तर प्रदेश में अधिक कर की वजह से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में पीएनजी की कीमत 26 रुपये प्रति मानक घन मीटर होगी जो पहले दो महीनों के दौरान 30 मानक घन मीटर तक की खपत के लि 25 रुपये प्रति मानक घन मीटर थी। इससे अधिक खपत के लिए 43 रुपये प्रति मानक घनमीटर का दाम होगा।

सीएनजी की कीमतें इससे पहले 5 जनवरी को बढ़ाई गयी थीं जब दरें 1.55 रुपये प्रति किलो बढाई गई थी। पीएनजी की कीमत इससे पहले 10 फरवरी को 1.50 रुपये प्रति मानक घन मीटर बढ़ाई गई।

आईजीएल ने कहा, रुपये के मुकाबले डालर में हालिया तेजी के साथ साथ आयातित एलएनजी पर बढ़ती निर्भरता के कारण हमारी गैस की लागत में पर्याप्त वृद्धि हुई है जिसके कारण सीएनजी और पीएनजी की खुदरा कीमतों में वृद्धि जरूरी हो गई थी।

नेचुरल गैस के दाम बढ़ाने पर इस सप्ताह हो सकता है फैसला

सरकार इस सप्ताह प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ाने पर फैसला ले सकती है। पिछले तीन साल में पहली बार इस बारे में कोई निर्णय लिया जायेगा। गैस के दाम बढ़ने से सरकार को विभिन्न प्रकार के शुल्क और करों के रप में 3,000 करोड़ रपये से अधिक राशि प्राप्त होगी।

मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की इस सप्ताह होने वाली बैठक में घरेलू स्तर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ाने पर निर्णय लिया जा सकता है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन के नेतृत्व में गठित समिति ने गैस के दाम का एक फार्मूला सुझाया है।

इस फार्मूले के हिसाब से गैस के दाम वर्तमान में 6.775 डालर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) हो जायेंगे। यह दाम मौजूदा मूलय की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक होंगे।

ड्यूश बैंक ने एक शोध पत्र में कहा है आम धारणा के विपरीत, हमारा मानना है कि गैस के दाम बढ़ने से सरकार को वित्तीय तौर पर काफी फायदा होगा।

प्रस्तावित नई दर सभी तरह के घरेलू उत्पादकों के लिये होगी। इसके मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को इसी वर्ष से गैस के उचे दाम मिलने लगेंगे जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज की गैस पर अगले साल अप्रैल से प्रस्तावित उंचे दाम लागू होंगे।

ड्यूश बैंक का मानना है कि प्रशासनिक मूल्य प्रणाली (एपीएम) गैस के दाम में वृद्धि से होने वाली वृद्धि का 55 प्रतिशत रॉयल्टी, कर और लाभांश के रप में सरकार के खजाने में ही पहुंचेगा। हमारा अनुमान है कि एपीएम मूल्य वाली प्राकृतिक गैस के दाम में प्रत्येक एक डालर की वृद्धि से सरकारी खजाने में 1,500 रुपये की वृद्धि होगी।