नोकिया का प्रस्ताव इनकम टैक्स विभाग ने ठुकराया

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नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग ने हैंडसेट कंपनी नोकिया की न्यूनतम टैक्स 2,250 करोड़ रुपये जमा करने की पेशकश ठुकरा दी है। नोकिया इंडिया पर 6,500 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स बकाया है। विभाग ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट को इस निर्णय की जानकारी दी।

विभाग ने अदालत से कहा कि नोकिया पूरी राशि का भुगतान करे। हम इससे कम स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं, नोकिया अपनी पेशकश पर अड़ गई है। कंपनी का कहना है कि वह 2,250 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं चुका सकती। जस्टिस संजीव खन्ना व संजीव सचदेवा की पीठ से नोकिया के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कंपनी इससे अधिक पेशकश करने की स्थिति में नहीं हैं। माइक्रोसॉफ्ट के साथ अधिग्रहण सौदा पूरा होने के बाद कंपनी के पास 2,250 करोड़ रुपये ही बचेंगे।

हाई कोर्ट ने नोकिया इंडिया द्वारा 3,500 करोड़ रुपये 18 साल के लाभांश के तौर पर अपनी मूल कंपनी को फिनलैंड भेजने की नीयत पर भी सवाल खड़े किए। अदालत ने कहा कि आपके पास टैक्स और डिविडेंड मिलाकर 4,100 करोड़ रुपये थे। इसे आपने फिनलैंड क्यों भेजा। जब इनकम टैक्स विभाग ने आपके बैंक अकाउंट जब्त किए तो आप हमारे पास आ गए। आपने पहले अदालत को बताया था कि कंपनी भारत में उत्पादन जारी रखेगी। अब आप अपना रुख बदल रहे हैं। ऐसे में क्या आपको वह पैसा वापस देश में नहीं लाना चाहिए। साल्वे ने इन सवालों के जवाब में कहा कि अधिग्रहण के दौरान नकदी को हटाना पड़ता है।

पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को करने का निर्णय लिया है। उस दिन नोकिया अपनी परिसंपत्तियों व देनदारी का ब्योरा देने के साथ यह भी बताएगी कि उसने यहां अभी तक कितना टैक्स दिया है। साल्वे ने अदालत को बताया कि कंपनी की संपत्तियां जब्त करके भी इनकम टैक्स विभाग को कुछ नहीं मिलने वाला। वे ऐसी संपत्तियां हैं, जिनका इस्तेमाल माइक्रोसॉफ्ट ही कर सकती है। उन्हें बेचकर विभाग को कुछ हासिल नहीं होगा।