नरेंद्र मोदी की अगुवाई में प्रचंड बहुमत वाली भावी सरकार ने मार्केट को मजबूती दे दी है. 20 मई को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मोदी को प्रधानमंत्री मनोनीत किया और इसी दिन भारतीय बाजार उछलकर दुनिया में दसवें नंबर पर पहुंच गया. भारत ने अब ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील को पीछे छोड़ दिया है.
सेंसेक्स और निफ्टी की साझा कीमत 1.42 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा हो गई है. जबकि ऑस्ट्रेलियाई बाजार 1.40, ब्राजील 1.1 और दक्षिण कोरिया का बाजार 1.25 ट्रिलियन डॉलर का है. 3.14 ट्रिलियन डॉलर वाला चीन और 3.4 ट्रिलियन डॉलर वाला हॉन्ग कॉन्ग अब भी हमसे कहीं आगे है. अमेरिका 22.31 ट्रिलियन डॉलर के साथ शीर्ष पर है. दूसरे पर कनाडा और तीसरे पर ब्रिटेन है.
वित्त मैनेजमेंट कंपनी मेरिल लिंच के मैनेजिंग डायरेक्टर काकू नखाटे के हवाले से लिखा है कि साल के अंत तक सेंसेक्स 27 हजार के आंकड़े को भी पार कर सकता है.
यहां गौर करने वाली बात यह है कि कुल ग्लोबल मार्केट में भारतीय बाजार ने कुछ दिनों में करीब 50 फीसदी का योगदान दिया है. ताजा रैली में कुल वैश्विक बाजार 572 बिलियन डॉलर का है, जिसमें भारत की साझेदारी 282 बिलियन डॉलर की है जो फिलीपीन्स की कुल जीडीपी के बराबर है.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से भारतीय इक्विटी में 7.6 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हुआ है जो सभी उभरते हुए बाजारों में सर्वश्रेष्ठ है.
बाजार पूंजी के मुताबिक टॉप-10 इक्विटी बाजार
1. अमेरिका
2. कनाडा
3. ब्रिटेन
4. फ्रांस
5. जर्मनी
6. स्विटजरलैंड
7. जापान
8. चीन
9. हॉन्ग कॉन्ग
10. भारत