पणजी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स देशों को अगले चार साल में आपसी व्यापार दोगुना करके 500 अरब डॉलर यानी 33,35,648 करोड़ रुपए पर पहुंचाने का लक्ष्य रखना चाहिए। प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स के आठवें शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों के आपसी संबंध का विस्तार आर्थिक गतिविधियों के बड़े क्षेत्रों तक हो चुका है। भारत के साथ चीन, ब्राजील, रूस तथा दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के सदस्य हैं।
‘निर्माण प्रक्रिया पर फोकस जरूरी’
मोदी ने कहा कि ब्रिक्स में संस्था निर्माण की प्रक्रिया पर फोकस जारी रहना चाहिए, ताकि इसका लचीलापन तथा स्वायत्ता बनी रहे। उन्होंने कहा कि हम ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी की संभावनाओं तथा कृषि अनुसंधान केंद्र, रेलवे अनुसंधान नेटवर्क और स्पोर्ट्स काउंसिल का काम तेज करने को लेकर आशान्वित हैं।
बाधाएं दूर करने की अपील
उन्होंने सभी ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार संबंधी बाधाओं को दूर करने का भीसे अपील की। मोदी ने कहा कि पिछले दो साल में देश में प्रशासन के कामकाज को सरल तथा कारोबार करना आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में पिछले दो साल में हमने प्रशासन के कामकाज में सुधार, विशेषकर देश में कारोबार को आसान बनाने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
आर्थिक सहयोग ब्रिक्स का लक्ष्य
मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के निर्माण के केंद्र में आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देना ही है। ब्रिक्स की स्थापना के पीछे मूल प्रेरणा स्रोत आर्थिक एवं वाणिज्यिक रिश्तों को बढ़ावा देना रहा था। ब्रिक्स देशों द्वारा स्थापित न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के बारे में उन्होंने कहा कि यह बैंक हमारे सम्मिलित प्रयास का नतीजा है। हम इसका स्वागत करते हैं। हम आर्थिक परियोजनाओं की पहचान और उन्हें कार्यरूप देने में ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल को एनडीबी के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।