विदेश व्यापार के मोर्चे पर सरकार को राहत

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धीमे ही सही, अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। इस साल जून में महंगाई की दर में कमी के बाद अब विदेश व्यापार के मोर्चे पर भी मोदी सरकार को राहत मिली है। बीते महीने देश का निर्यात 10.22 फीसद बढ़कर 26.47 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह लगातार दूसरा महीना है जब निर्यात वृद्धि की दर दहाई में रही है।

निर्यात में यह बढ़ोतरी इसलिए भी अधिक दिखती है, क्योंकि पिछले साल इस अवधि में निर्यात घटकर 24.02 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। अलबत्ता सोना आयात तेजी से बढऩे के चलते इस दौरान व्यापार घाटे में वृद्धि दर्ज हुई है। वस्तुओं के निर्यात और आयात के बीच नकारात्मक अंतर को व्यापार घाटा कहा जाता है।

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मई में सरकार बनी थी। यह संयोग ही है कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न मोचरें से जून के महीने के प्रदर्शन को लेकर अच्छी खबरें मिल रही हैं। सोमवार को खुदरा और थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई दर में कमी की खबर आई तो बुधवार को विदेश व्यापार के आंकड़े खुशगवार निकले।

चालू वित्त वर्ष 2014-15 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) तक के आंकड़े देखें तो निर्यात में वृद्धि की दर 9.31 फीसद रही है। लेकिन जानकारों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों की स्थिति को देखते हुए जून के आंकड़ों को वृद्धि की सामान्य दर की तरफ लौटना माना जा सकता है। निर्यात में बढ़ोतरी के लिए अमेरिकी अर्थव्यवस्था में हो रहे सुधार को प्रमुख वजह माना जा रहा है। इसके चलते जून में इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात 21 फीसद बढ़ गया। लेकिन निर्यात में मुख्य भूमिका निभाने वाले अधिकांश परंपरागत उत्पाद अभी भी रफ्तार नहीं पकड़ पाए हैं।

सोने का आयात 65 फीसद बढ़ा:

जून, 2014 में आयात बीते साल के समान माह की तुलना में 8.33 फीसद बढ़ा है। इस अवधि में देश में 35.30 अरब डॉलर का आयात हुआ। इसमें 3.1 अरब डॉलर का सोना आयात भी शामिल है। इस महीने सोने के आयात में पिछले साल के मुकाबले 65 फीसद की भारी वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि चांदी के आयात में 53 फीसद की गिरावट आई है। समीक्षाधीन माह के दौरान व्यापार घाटा 11.76 अरब डॉलर का रहा। बीते साल जून में यह आंकड़ा 11.28 अरब डॉलर पर था। लेकिन पहली तिमाही के आंकड़ों में यह अभी भी पिछले साल के मुकाबले कम है।