राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार पाकर सभी गम भूले इरफान खान

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कुछ समय पहले अवॉर्ड फंक्‍शनों को फिक्‍स कहने वाले अभिनेता इरफान खान निर्देशक तिग्‍मांशु धुलिया की फिल्‍म पान सिंह तोमर के किरदार के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार पाने के बाद काफी खुश हैं। एक सेना के जवान से बीहड़ों के सफर को पान सिंह के किरदार में इरफान ने इस कदर निभाया कि हर कोई उनके अभिनय का दिवाना हो उठा।इरफान खान को उनकी नेगेटिव सोच के लिए काफी जाना… राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार पाकर सभी गम भूले इरफान खान

कुछ समय पहले अवॉर्ड फंक्‍शनों को फिक्‍स कहने वाले अभिनेता इरफान खान निर्देशक तिग्‍मांशु धुलिया की फिल्‍म पान सिंह तोमर के किरदार के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार पाने के बाद काफी खुश हैं। एक सेना के जवान से बीहड़ों के सफर को पान सिंह के किरदार में इरफान ने इस कदर निभाया कि हर कोई उनके अभिनय का दिवाना हो उठा।इरफान खान को उनकी नेगेटिव सोच के लिए काफी जाना जाता है। बॉलीवुड में भी उनके दोस्‍त कहते हैं कि वह अपनी छवि को लेकर काफी नेगेटिव रहते हैं और हमेशा से उसमें कुछ ना कुछ बदलाव के बारे में ही सोचते रहते हैं। हालांकि वह फिल्‍म की स्क्रिप्‍ट में कोई ज्‍यादा बदलाव नहीं कराते लेकिन उनका मानना है कि कभी-कभी पैसों के लिए ऐसी फिल्‍मों में काम करना पड़ जाता है जिसकी शूटिंग के लिए पहले ही दिन सेट पर जाकर उनका लग जाता है कि उन्‍होंने काफी बड़ी गलती की है।हाल ही में राष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों की घोषणा के बाद इरफान खान ने पुरानी बातों को भुलाते हुए कहा कि यह मेरा नहीं बल्कि दर्शकों का सम्‍मान है। राजस्‍थान से झूठ बोलकर नेशनल स्‍कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लेने वाले इरफान खान को सबसे पहले हनुमान का रोल मिला था जिसे लेकर वह काफी खुश नहीं थे क्‍योंकि वह स्‍टार बनना चाहते थे लेकिन काफी संघर्ष के बाद जब उन्‍हें कोई ठीक रोल नहीं मिला तो उन्‍होंने वापस जाने का मन बनाया।हालांकि कुछ समय के बाद इरफान को एक फिल्‍म में लीड रोल मिला जिसके बाद उन्‍होंने टीवी को छोड़कर फिल्‍मों की तरफ रुख किया। काफी कम लोग यह जानते हैं कि इरफान खान को अंगरेजी बोलना नहीं आता लेकिन इसके बावजूद भी उन्‍होंने कई हॉलीवुड फिल्‍मों में काम किया है। इरफान खान के अभिनय को वैसे तो कई फिल्‍मों में सराहा गया लेकिन पान सिंह तोमर का उनका किरदार हर किसी को उनकी तारीफ करने के लिए मजबूर करता है।इस फिल्‍म के बारे में बताते हुए इरफान ने कहा कि मैं तिग्‍मांशु का शुक्रगुजार हूं कि उन्‍होंने मुझे इस फिल्‍म में काम दिया लेकिन मैं एक बात जरूर कहना चाहूंगा कि फिल्‍म और मेरे काम को तो सभी ने सराहा लेकिन अगर सिपाही पान सिंह के साथ इंसाफ होता तो उन्‍हें इस तरह की जिंदगी नहीं जीनी पड़ती।