वैज्ञानिकों ने चिकनगुनिया के बुखार का पहला टीका विकसित कर लिया है। यह टीका एक खास वायरस से तैयार किया गया है, जिसका इंसानों पर कोई असर नहीं होता है। इस लिहाज से यह कारगर भी है और प्रभावी भी। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह टीका बहुत जल्दी एक मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र बना लेता है और वायरस से शरीर का बचाव करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस मेडिकल ब्रांच के प्रोफेसर स्काट वेवर का कहना है कि यह टीका चिकनगुनिया से बचाव में पूरी तरह प्रभावी, सुरक्षित और सस्ता है।
क्या है चिकनगुनिया?
यह एडिस मच्छर के काटने से फैलने वाला वायरस है। इससे शुरुआत में तेज बुखार होता है जो कई दिनों तक बना रहता है। इस बीमारी में बुखार और जोड़ों में भारी दर्द होता है। चिकनगुनिया के चलते सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द-सूजन और कभी-कभी रैशेज भी हो जाते हैं। इस बीमारी का असर लंबे समय तक बना रहता है, जिसके चलते जोड़ों में दर्द रहता है।