होली के ये रंग अब आप घर पर भी बना सकते हैं

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होली का त्योहार यानी रंगों का त्योहार। खुशियां बांटने और रिश्तों में हंसी-ठिठोली की मिठास घोलने के लिए एक-दूसरे को रंग लगाने का मजा शायद ही किसी और अवसर पर मिलता है, लेकिन बाजार में बिकने वाले रंगों के केमिकल कई बार त्वचा के लिए इतने हानिकारक हो जाते हैं कि रंगों की दमक पर एलर्जी, रैशेज जैसी समस्याएं हावी हो जाती हैं।

ऐसे में क्यों न इस बार होली पर रंग खेलने के लिए प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें, जिससे रंगों का त्योहार सचमुच खुशियों का त्योहार बना रहे। जानिए, घर पर प्राकृतिक रंग बनाने के आसान तरीके।

हरे रंग के लिए

हरे रंग के लिए मेंहदी का इस्तेमाल करें। मेंहदी को आटे के साथ मिलाकर आप सूखा हरा रंग तैयार कर सकते हैं। ध्यान रहे कि आपकी मेंहदी में आंवला न मिला हो।

अगर आपको पक्के रंग की होली की खुमारी चढ़ती ही है तो आप इस मिश्रण को बेहिचक पानी में घोलें। बालों में यह रंग डालते वक्त भी आपको इसके रिएक्शन का पछतावा हर्गिज नहीं होगा।

पीले रंग के लिए

हल्दी और बेसन को मिलाकर आप पीला रंग तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आप जितनी हल्दी लें, उसकी दोगुनी मात्रा में बेसन मिलाएं। आमतौर पर इसे बतौर उबटन भी घरों में इस्तेमाल करते हैं। यानी इस पीले रंग से त्वचा और भी निखर जाएगी।

आप चाहें तो हल्दी को बेसन की जगह मुल्तानी मिट्टी या टेल्कम पाउडर में भी मिला सकते हैं।

गीले रंग के लिए आप एक बड़ा चम्मच हल्दी को दो लीटर पानी में मिलाकर उबाल लें। इस घोल को थोड़ा गाढ़ा कर लेने पर यह बिल्कुल पक्का रंग हो जाएगा। चाहें तो गेंदे या अमलताश के फूल को पानी में उबालकर रात भर छोड़ दें और सुबह उससे होली खेलें।

लाल रंग के लिए

लाल रंग के लिए आप लांल चंदन पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लाल गुलाल की जगह आप चाहें तो लाल चंदन पाउडर में गुड़हल के फूल को सुखाकर व पीसकर मिलाएं। इससे गुलाल और भी लाल और खुशबूदार हो जाएगा।

गीला रंग बनाने के लिए लाल चंदन पाउडर (दो चम्मच) को एक लीटर पानी में मिलाएं और खौला लें। इसमें अपनी जरूरत के अनुसार पानी मिलाकर इससे होली खेलें। गाढ़े नारंगी लाल रंग के लिए एक चुटकी कत्था और दो चम्मच हल्दी पाउडर में कुछ बूंद पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे 10 लीटर पानी में घोलकर पतला कर लें।

गुलाबी रंग के लिए
चुकंदर को आप गुलाबी रंग बनाने में बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक चुकंदर को काटकर या पीसकर एक लीटर पानी में रात भर भिगोएं और सुबह इस घोल को अच्छे से उबालकर गाढ़ा कर लें। इसमें जरूरत अनुसार पानी मिलाकर इससे होली खेलें। कचनार के फूल को भी रात भर पानी में भिगोने से प्राकृतिक गुलाबी या केसरिया रंग तैयार किया जा सकता है।

नीले रंग के लिए
नीले रंग के लिए नील के पौधों पर निकलने वाली फलियों को पीस लें और पानी में उबालकर मिला लें। इसीतरह नीले गुड़हल के फूलों को सुखाकर पीसने से भी आप नीला रंग तैयार कर सकते हैं।