इमालवा – देश | मूल वेतन में तमाम भत्तों को जोड़कर बने कुल वेतन से पीएफ की कटौती का रास्ता साफ हो गया है।
सरकार के इस कदम से आपकी बचत भले ही बढ़ जाए, मगर आपके हाथ में आने वाला कुल वेतन कम हो जाएगा।
इसका सीधा असर देश के पांच करोड़ कर्मचारियों पर पड़ेगा। अभी तक मूल वेतन (बेसिक सैलरी) से ही आपके पीएफ की कटौती की जाती थी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ईपीएफ स्कीम के तहत भत्तों को जोड़कर बने वेतन से पीएफ में कटौती के विचार को एक रिव्यू कमेटी ने भी अपनी सहमति दे दी है।
इससे सामाजिक सुरक्षा के फायदे उठाने में यह योजना मददगार साबित होगी। भारतीय मजूदर संघ के सचिव और ट्रस्टी बीएन राय ने कहा कि समिति के दिए गए सुझावों की परख पहले तो श्रम मंत्रालय करेगा।
फिर इस पर अंतिम फैसले पर मुहर लगाने के लिए ईपीएफओ की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) के समक्ष रखा जाएगा।
राय ने कहा कि कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने भी मूल वेतन के साथ भत्तों को जोड़ने के मुद्दे का समर्थन किया है। ये सुझाव मंत्रालय के पास भेजे जा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 30 नवंबर को इस संबंध में केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने एक विज्ञप्ति जारी की थी।
विज्ञप्ति में कहा गया था कि जो भी भत्ते नियमित तौर पर अनिवार्य रूप से कर्मचारियों को दिए जाते हैं, उन्हें मूल वेतन माना जाएगा। बाद में इस मामले को देखने के लिए एक कमेटी का गठन किया था।