भारतीय जनता पार्टी के लिए दक्षिण हमेशा दूर ही रहा है लेकिन इस बार नरेंद्र मोदी इस दूरी को पाटने की कोशिश में लगे हैं। हाल में आए एक सर्वे और अन्य दलों से उन्हें सकारात्मक संकेत भी मिल रहे हैं।
दक्षिण में पैठ बनाने के लिए भाजपा केरल और आंध्र प्रदेश में भी पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने में जुटी है।
आंध्र में टीडीपी से नजदीकी, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी का भाजपा की ओर झुकाव या कर्नाटक में बीएस येदुरप्पा का साथ मोदी की नैया पार लगाने का संकेत दे रहे हैं।
इसलिए भी भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी उत्तर भारत में रैली के साथ-साथ दक्षिण भारत में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।
सर्वे में मोदी निकले सबसे आगे
इसी बीच एक तमिल पत्रिका ‘जूनियर विकेतन’ के सर्वे के मुताबिक तमिलनाडु के 53 प्रतिशत वोटर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त मानते हैं जबकि मुख्यमंत्री जयललिता, राहुल गांधी और पीएम मनमोहन सिंह मोदी से कहीं पीछे रह गए हैं।
पत्रिका ने इस सर्वे के आधार पर ‘शॉक रिजल्ट’ नाम से कवर स्टोरी बनाई है।
भाजपा इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश में भी है। 26 सितंबर को तमिलनाडु के तिरुचि में अपनी रैली से एक शाम पहले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी केरल में अपनी पार्टी नेताओं के साथ थे।
मोदी का अपने कार्यकर्ताओं से कहना था कि दक्षिण में जीत के लिए जी जान लगा दें क्योंकि इससे उत्तर से होने वाले नुकसान की भरपाई होगी।
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक मोदी तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता से जल्द ही मिलकर गठबंधन की बात भी कर सकते हैं।
आंध्र में दो दलों से नजदीकी
आंध्र प्रदेश की बात करें तो भाजपा ने यहां साल 1999 में तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और सात लोकसभा सीटें जीतीं थीं। टीडीपी को 29 सीटों पर जीत हासिल हुई थीं। लेकिन इनका गठबंधन साल 2004 में टूट गया। लेकिन तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद कमजोर हुई टीडीपी भी भाजपा के ओर रूझान दिखा रही है।
इसी के ही साथ हाल ही में जेल से बाहर आए जगनमोहन रेड्डी ने चुनाव के बाद सारे विकल्प खुले रखने के संकेत दिए हैं। साथ ही उन्होंने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की सराहना भी की।
कर्नाटक की बात करें तो भाजपा यहां अच्छी स्थिति में रही है। अब भी बीएस येदूरप्पा के जरिए वह पुराना मुकाम पाने की कोशिश में लगी है। येदूरप्पा पर लगे आरोपों और सीबीआई जांच के बावजूद वो मोदी के लिए काम कर रहे हैं।
हालांकि अब भाजपा के यहां साल 2009 की तरह 28 में से 19 सीटें जीतने की संभावना कम ही है।
अप्रैल में मोदी केरल के भी चक्कर लगा आए थे। वह सीवागिरी मठ के एक आयोजन में गए थे। उनका यहां विरोध भी हुआ। लेकिन भाजपा का अनुमान है कि यहां पर उसे 21 में से दो सीटों के लिए प्रयास करना चाहिए।