सरबजीत सिंह का पंजाब के अपने पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए जाने के बीच शुक्रवार को चमेल सिंह के परिवार के सदस्यों ने भी उन्हें शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की।
चमेल के सिंह के पुत्र दीपक ने आरोप लगाया, सरबजीत सिंह की हत्या उसी तरह हुई है जैसे उनके पिता की हुई थी। सरबजीत की हत्या में शामिल लोग मेरे पिता की हत्या में भी…
सरबजीत सिंह का पंजाब के अपने पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किए जाने के बीच शुक्रवार को चमेल सिंह के परिवार के सदस्यों ने भी उन्हें शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की।
चमेल के सिंह के पुत्र दीपक ने आरोप लगाया, सरबजीत सिंह की हत्या उसी तरह हुई है जैसे उनके पिता की हुई थी। सरबजीत की हत्या में शामिल लोग मेरे पिता की हत्या में भी शामिल थे। दीपक ने बताया, हम केंद्र से इस बात की अपील करेंगे कि मेरे पिता को भी शहीद का दर्जा दिया जाए।
गौरतलब है चमेल सिंह जम्मू के अखनूर स्थित सीमावर्ती परगवाल गांव के निवासी थे। पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में इस साल 15 जनवरी को उनकी पीट कर हत्या कर दी गई थी और उनके शव को 13 मार्च को यहां लाया गया था।
दीपक ने कहा, हम चार भाई हैं और हमें अपनी पढ़ाई छोड़कर रोजी रोटी के लिए काम करने को मजबूर होना पड़ा। हम सरकार से उसी तरह से अपने परिवार की मदद करने की अपील करते हैं जैसे कि सरबजीत के परिवार को दी गई। केंद्र और राज्य दोनों को इस बारे में सोचना चाहिए।
चमेल सिंह जासूसी के मामले में अपनी कथित संलिप्तता को लेकर पांच साल की कैद की सजा पूरी करने वाले थे। खबरों में बताया गया कि पाकिस्तानी जेलकर्मी ने उन्हें निर्ममता से पीटा था। उनकी लाहौर में मृत्यु हो गई थी।
चमेल सिंह के परिवार के लोगों ने दलील दी कि वह (चमेल) जासूसी के कार्य में शामिल नहीं थे और पाकिस्तान की सीमा से लगे अपने खेत से जुलाई 2008 में लापता हो गए थे। भारत अभी तक उनका शव परीक्षण रिपोर्ट पाकिस्तान से प्राप्त करने में नाकाम रहा है।
बकौल दीपक, मेरे पिता की हत्या के बाद करीब चार महीने का वक्त बीत चुका है लेकिन अभी तक शव परीक्षण रिपोर्ट हमें मुहैया नहीं की गई है। दीपक ने कहा कि हमने सरकार से हमें रिपोर्ट मुहैया करने का अनुरोध किया है। हमने उनसे दूसरे शव परीक्षण की रिपोर्ट की एक प्रति भी मुहैया करने को कहा है जिसे पाकिस्तान से शव लाने के बाद किया गया था।