क्या छत्तीसगढ़ में हुआ नक्सली हमला सोची समझी साजिश था, क्या हमले के पीछे किसी बाहरी शख्स का हाथ है? अब इन सवालों के जवाब नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) खोजेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर में हुए नक्सली हमले की जांच का जिम्मा एनआईए का सौंप दिया है।
इस बीच छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में बड़ा खुलासा हुआ है, सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि आखिर…
क्या छत्तीसगढ़ में हुआ नक्सली हमला सोची समझी साजिश था, क्या हमले के पीछे किसी बाहरी शख्स का हाथ है? अब इन सवालों के जवाब नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) खोजेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर में हुए नक्सली हमले की जांच का जिम्मा एनआईए का सौंप दिया है।
इस बीच छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में बड़ा खुलासा हुआ है, सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि आखिरी वक्त में कांग्रेस नेताओं के काफिले का रूट बदला गया था। बताया जा रहा है कि स्थानीय कांग्रेस नेता के कहने पर सुकमा से जगदलपुर का रूट को बदला गया। पहले कांग्रेस नेताओं का काफिला गादीरास से होकर जाना था, लेकिन आखिरी वक्त पर दरभा घाटी से होकर जाने का रास्ता तय किया गया।
अब छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले की जांच एनआईए करेगी और पता लगाएगी कि कहीं ये हमला किसी साजिश के तहत तो अंजाम नहीं दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर में हुए नक्सली हमले की जांच का जिम्मा एनआईए का सौंप दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह से बात की। रमन सिंह ने भी एनआईए से जांच पर अपनी सहमति जतायी।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने कहा है कि एनआईए छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले के हर पहलू की जांच करेगी और जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
बता दें कि शनिवार शाम हुए नक्सली हमले में कांग्रेस के 3 बड़े नेताओं समेत 28 लोगों की मौत हो गयी थी। 30 से ज्यादा लोग हमले में घायल हुए हैं। नक्सली हमले में जिन लोगों की मौत हुई है उनमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, कांग्रेस के बड़े नेता महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदल मुदलियार शामिल हैं। हमले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीसी शुक्ल गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।