जयंती के आरोपों के बाद राहुल गांधी के बचाव में उतरे कांग्रेसी

0

नई दिल्ली। यूपीए सरकार में पर्यावरण मंत्री रहीं जयंती नटराजन ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कई गंभीर और सनसनीखेज खुलासे किए हैं, जिससे राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। कांग्रेस नेता जहां राहुल और सोनिया गांधी के बचाव में उतर आए हैं, वहीं भाजपा का कहना है कि नटराजन के आरोपों पर राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जयंती नटराजन ने कहा, ”मैं पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध थी, लेकिन राहुल गांधी के कार्यालय से अनुरोध आते रहते थे। राहुल गांधी की कई योजनाओं में दखल थी। नियामगिरि योजना को भी राहुल ने ही रुकवाया था।’ जयंती नटराजन ने कहा कि कांग्रेस अब पहले जैसी मूल्यों वाली पार्टी नहीं रही है। उन्होंने कहा कि मेरा पूरा परिवार कांग्रेस से जुड़ा रहा है। उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा कि मेरे लिए ये बहुत दुखद दिन है।” जयंती नटराजन के आरोपों के बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी हो गया है।

शोभा ओझा

सोनिया और राहुल गांधी पर जयंती नटराजन जो आरोप लगा रही हैं, उनका कोई आधार नहीं है। जयंती के पास अपनी बात साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। आखिर नटराजन उस वक्त क्यों चुप रहीं, यह बड़ा सवाल है। नटराजन के बयान से साफ जाहिर हो रहा है कि उनको दूसरी पार्टी द्धारा जरूर कुछ देने का आश्वासन दिया गया है।

निर्मला सीतारमण

जयंती नटराजन ने जो आरोप राहुल गांधी पर लगाए हैं, वो बेहद गंभीर हैं। यूपीए सरकार में किए गए ऐसे किसी भी असंवैधानिक कार्य की भाजपा निंदा करती है। कांग्रेस को इस पर जवाब देना चाहिए।

दिग्विजय सिंह

मेरा मानना है कि राहुल गांधी वो अंतिम शख्स होते थे, जिनका मंत्रियों के काम में दखल होता था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कभी किसी मंत्री के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करते थे। जयंती नटराजन जो आरोप इन पर लगा रही हैं, वो बिल्कुल गलत हैं।

सुब्रमण्यम स्वामी

मैं इस मामले में पत्र की जांच कर देख रहा हूं कि क्या राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है या नहीं। पत्र इस केस में करप्शन एक्ट के तहत सबूत की तरह पेश किया जा सकता है और जयंती नटराजन को गवाह बनाया जा सकता है।

संबित पात्रा

जयंती नटराजन के आरोपों के बाद यह साफ हो गया है कि यूपीए सरकार के दौरान नीतियों में आने वाली गतिहीनता के लिए राहुल गांधी जिम्मेदार थे।