भारत, जापान से 10 हजार करोड़ के 12 एम्फीबियन प्लेन US-2i ले सकता है, जिसके लिए अफसरों ने कोशिशें भी शुरू कर दी हैं। दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी 11-12 नवंबर को जापान के दो दिन के दौरे पर जा रहे हैं। इस दाैरान इस डील पर साइन होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। अगर ऐसा होता है तो जापान के साथ किसी भी तरह के मिलिट्री इक्विमेंट्स मिलने की ये पहली डील होगी। एेसा इसलिए क्याेंकि करीब 5 दशक तक जापान ने मिलिट्री साजोसामान के एक्सपोर्ट पर बैन लगा रखा था।
720 करोड़ कम कर चुका है जापान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयरक्राफ्ट की ये डील ज्यादा पैसों के चलते 2013 से अटकी हुई है। इसे देखते हुए जापान ने 720 करोड़ कम कर दिए हैं। पीएम मोदी और उनके जापानी काउंटरपार्ट शिंजो आबे के बीच सिविल न्यूक्लियर कोऑपरेशन एग्रीमेंट पर चर्चा अहम रहेगी। अफसरों का भी कहना है कि मोदी-आबे मुलाकात में भारत, जापान से US-2i प्लेन की डील पर भी साइन हो सकते हैं।
क्या है US-2i?
US-2i एक एम्फीबियन प्लेन है। ये जमीन और पानी पर टेकऑफ और लैडिंग कर सकता है। 4 बड़े टर्बो-इंजन वाले US-2i का इस्तेमाल सर्चिंग और रेस्क्यू ऑपरेशन में किया जाएगा। साथ ही प्लेन से किसी इमरजेंसी के दौरान 30 जवानों को घटनास्थल पर ले जाया जा सकेगा।
क्यों अहम है ये डील?
भारत और जापान दोनों ही देश चीन के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हैं। ऐसे में भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर क्षेत्र में एक नई ताकत बनाना चाहता है। बता दें कि 2014 से जापान, भारत-यूएस के साथ सालाना होने वाली मलाबार नेवल एक्सरसाइज में हिस्सा लेता रहा है।