देश के इतिहास में शायद ही ऐसा पहले कभी हुआ हो, जब मई के शुरुआत में ही गर्मी ने ऐसा कोहराम मचाया हो। उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक, ऐसी कोई जगह नहीं, जो सूरज के सितम से बची हो। मौसम विभाग की मानें तो, गर्मी के लिहाज से अगले तीन दिन और मुश्किल साबित हो सकते हैं।
दिल्ली से लखनऊ तक और जयपुर से पटना तक, इस बार मौसम के मिजाज ने हाहाकार मचा रखा ह…
देश के इतिहास में शायद ही ऐसा पहले कभी हुआ हो, जब मई के शुरुआत में ही गर्मी ने ऐसा कोहराम मचाया हो। उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक, ऐसी कोई जगह नहीं, जो सूरज के सितम से बची हो। मौसम विभाग की मानें तो, गर्मी के लिहाज से अगले तीन दिन और मुश्किल साबित हो सकते हैं।
दिल्ली से लखनऊ तक और जयपुर से पटना तक, इस बार मौसम के मिजाज ने हाहाकार मचा रखा है। आसमान का राही सूरज लगातार आग उगल रहा है और आम लोग इस जलती-तपती गर्मी का शिकार हो रहे हैं।
पारा पहुंचा 45 डिग्री के पारमई की शुरुआत ही भीषण गर्मी से हुई और पहले पखवाड़े में ही पारा रिकॉर्डतोड़ ऊंचाई पर पहुंच गया है। ज्यादातर जगहों पर तापमान चालीस से पैंतालीस डिग्री सेल्सियस तक के बीच पहुंच चुका है और कुछेक जगहों पर तो इसके पचास तक पहुंचने की भी आशंका सच साबित होती नज़र आ रही है।
50 डिग्री तक पहुंचेगा पारा?जी हां, जिस तरह धरती धधक रही है और आसमान से लगातार आग बरस रही है उसे देखते हुए मौसम विज्ञानी भी यही कह रहे हैं कि इस बार मई महीने में ही गर्मी के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे और कई जगहों पर पारा 50 के पार भी पहुंच सकता है।
ऐसी जानलेवा गर्मी कब तक?सवाल है कि इस बेरहम गर्मी में आखिर कब तक झुलसेगा आम जिंदगी, कब मिलेगी लोगों को इस तपिश से निजात। मौसम विज्ञानियों की मानें तो अगले दो दिन दिनों तक मौसम का मिजाज नहीं बदलने वाला, बल्कि अभी पारा और ऊपर ही चढ़ेगा। साफ है, गर्मी का ये जानलेवा सितम अभी जारी रहेगा।
राजस्थान में त्राहिमाम…सूरज के सितम से सिर्फ उत्तर भारत नहीं, बल्कि राजस्थान से महाराष्ट्र तक लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। सूखे का संकट झेल रहे विदर्भ का हाल तो और भी बुरा है। नागपुर में पारा 46 डिग्री पार कर चुका है और फिलहाल दूर दूर तक राहत की कोई उम्मीद नहीं। विदर्भ समेत पूरा महाराष्ट्र बेहालदिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत आसमानी आफत में सुलग रहा है, तो विदर्भ समेत पूरा महाराष्ट्र भी भीषण गर्मी की चपेट में है। नागपुर में तो पारा पिछले तमाम रिकॉर्ड तोड़ते हुए 46 के पार पहुंच चुका है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है और आम लोगों के लिए घर से बाहर निकलना भी दूभर हो गया है। गर्मी से हलक सूखने लगे तो पानी या जूस का सहारा होता है, लेकिन सूखे से जूझते महाराष्ट्र में ये भी आसानी से मयस्सर नहीं। आलम ये है कि लोगों को पानी की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है।
इंसान तो इंसान इस बेरहम गर्मी ने जानवरों का भी जीना मुहाल कर रखा है। चिड़ियाघर में ऐसे बेजुबानों को मौसमी कहर से राहत के लिए कई इंतजाम किए जा रहे हैं, पर लगातारा चढ़ता पारा हर बंदोबस्त पर भारी पड़ रहा है।