नरेंद्र मोदी की अमेरिका में एंट्री पर बैन बरकरार

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अमेरिकी कांग्रेस की ओर से बनाए गए एक इंडिपेन्‍डेंट पैनल (धार्मिक आजादी पर आधारित) ने अमेरिकी प्रशासन से कहा है कि गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए वीजा बैन को बरकरार रखा जाए। समिति का कहना है कि ऐसे सबूत मौजूद हैं, जो 2002 के गुजरात दंगों से मोदी को जोड़ते हैं।अमेरिका की संघीय परामर्श इकाई ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेर… नरेंद्र मोदी की अमेरिका में एंट्री पर बैन बरकरार

अमेरिकी कांग्रेस की ओर से बनाए गए एक इंडिपेन्‍डेंट पैनल (धार्मिक आजादी पर आधारित) ने अमेरिकी प्रशासन से कहा है कि गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए वीजा बैन को बरकरार रखा जाए। समिति का कहना है कि ऐसे सबूत मौजूद हैं, जो 2002 के गुजरात दंगों से मोदी को जोड़ते हैं।अमेरिका की संघीय परामर्श इकाई ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका का वीजा मिलने और उनके यहां पहुंचने की संभावनाओं पर चिंता जताई है। मोदी पर वर्ष 2002 के गुजरात दंगों का आरोप है। यूएस कमिशन फॉर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) की अध्‍यक्षा कैटरीना लेंटोस स्‍वेट ने सालाना रिपोर्ट जारी करने के मौके पर एक प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से कहा कि इस बात के काफी साक्ष्‍य हैं, जो उन्‍हें (मोदी) गुजरात में हुई हिंसा से जोड़ते हैं। इस वजह से मोदी को वीजा देना उचित नहीं होगा।सालाना रिपोर्ट में यूएससीआईआरएफ ने इस बात का जिक्र किया है कि मोदी अभी तक अकेले व्‍यक्ति हैं, जिनके खिलाफ अमेरिका ने धार्मिक आजादी के आधार पर वीजा बैन के प्रावधान को लागू किया है।यूएससीआईआरएफ ने स्‍टेट एंड होमलैंड सिक्‍योरिटी विभाग से इस बात की अपील की है कि ऐसे लोगों की सूची पर फिर से तैयार की जाए, जिनके यूएस में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूएससीआईआरएफ ने 2012 में अमेरिका की तत्कालीन विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को पत्र लिखकर अंदेशा जताया था कि मोदी अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।बता दें कि अमेरिका ने गुजरात दंगों को लेकर मार्च, 2005 में मोदी पर यह बैन लगाया था। इन दंगों में अनुमानित तौर पर 1100 से 2000 मुस्लिमों की मौत हो गई थी।हालांकि भारत में नरेंद्र मोदी को कोर्ट ने गुजरात दंगों को दोषी नहीं पाया है और उन्‍हें इस केस से बरी किया जा चुका है।