नाबालिगों के बीच सेक्‍स का सरकारी प्रस्‍ताव

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इमालवा – नई दिल्‍ली । सरकार ने अपराध कानून संशोधन विधेयक में यह प्रस्ताव रखा है कि सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र सीमा 18 से घटाकर 16 साल कर दी जाए. इस प्रस्ताव में दुष्कर्म शब्द की जगह ‘बलात्कार’ शब्द का इस्तेमाल करने की भी बात है. इस प्रस्ताव का मसौदा सरकार ने तैयार कर लिया है. गुरुवार को गृह मंत्रालय इस ड्राफ्ट को मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजेगी. गौरतलब है कि दिल्ली गैंग रेप की घटना के बाद जस्टिस जेएस वर्मा कमिटी ने जो सुझाव सरकार को दिए थे, उसी के मद्देनजर इस प्रस्ताव को तैयार किया गया है. 

 
महिलाओं के लिए कड़े कानून
इससे पूर्व, तीन फरवरी को लाए गए अध्यादेश की तरह इसमें भी सहमति से यौन संबंधों की उम्र 18 से घटाकर 16 साल की गई है. सूत्रों के मुताबिक अध्यादेश के ज्यादातर प्रावधान बिल में शामिल हैं. इसमें ‘वैवाहिक दुष्कर्म’ का कोई जिक्र नहीं है. इसमें महिलाओं का पीछा करने, उनके साथ अश्लील हरकत करने और उन पर तेजाब से हमला करने के मामलों में सजा बढ़ाने की बात है. इस बिल में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव रेप को परिभाषित करने को लेकर है.
 
वूमन फ्रेंडली कानून बनाने की कोशिश
इसके लागू होने पर महिलाओं के खिलाफ होने वाले मामूली अपराध में भी कड़ी सजा का प्रावधान होगा. इसी तरह अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राइवेट या पब्लिक मेडिकल केयर अगर ऐसे मामलों में पीड़ित महिला का इलाज नहीं करते हैं या मना करते हैं तो उनके खिलाफ भी ऐक्शन होगा.
साथ ही कानून को वूमन फ्रेंडली बनाने के लिए बिल में कहा गया है कि यौन हिंसा की शिकार महिलाओं के बयान महिला पुलिस अधिकारी ही दर्ज करें.
साबित हुआ यौन उत्पीड़न तो जाएगी नौकरी
यौन उत्पीड़न साबित होने पर नौकरी जा सकती है. इसके दायरे में सरकारी दफ्तरों के अलावा निजी संस्थाएं, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग भी हैं. सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के आधार पर कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने सभी निजी और गैर सरकारी महाविद्यालय को महिलाओं के यौन उत्पीड़न रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए आदेश दिए हैं.
उल्लेखनीय है कि सभी विभागों को सरकार कार्यालय स्थल पर कामकाजी महिलाओं के लिए समिति गठित करने के लिए कह चुकी है. निर्देशों में कहा है कि नियोक्ता और शिकायत समिति मिलकर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करे. यदि गंभीर मामला है तो नौकरी से निकालने का नियम है. इसमें उसका नीचे के पद पर पदस्थापित करने, तबादला के साथ नौकरी से संबंधित लाभ नहीं देने सहित निलंबित किया जा सकता है.