गुजरात के मुख्यमंत्री ने बिहार में आज आभासी चुनाव अभियान शुरू करते हुए अपने चिर विरोधी नीतीश कुमार पर परोक्ष निशाना साधा और कहा कि भाजपा के साथ विश्वासघात करने वालों को राज्य की जनता हरायेगी।
मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिये बिना कहा, देश में अभी 1974 जैसी कांगे्रस विरोधी लहर चल रही है। उस समय (1974) की तरह बिहार के लोगों का जनादेश राजग क…
गुजरात के मुख्यमंत्री ने बिहार में आज आभासी चुनाव अभियान शुरू करते हुए अपने चिर विरोधी नीतीश कुमार पर परोक्ष निशाना साधा और कहा कि भाजपा के साथ विश्वासघात करने वालों को राज्य की जनता हरायेगी।
मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिये बिना कहा, देश में अभी 1974 जैसी कांगे्रस विरोधी लहर चल रही है। उस समय (1974) की तरह बिहार के लोगों का जनादेश राजग के लिए था। जिन लोगों ने बिहार में जनादेश के साथ विश्वासघात किया है उन्हें सबक सिखाया जायेगा।
नीतीश मोदी के कामकाज की शैली के विरोधी है। गुजरात के मुख्यमंत्री को पार्टी की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाये जाने के बाद नीतीश की पार्टी जदयू ने भाजपा से अपना नाता तोड़ लिया था।
मोदी ने आडियो ब्रिज प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपने मोबाइल फोन के जरिये बिहार के भाजपा नेताओं से बातचीत की। राज्य के कुल 1500 नेताओं को चुना गया था तथा उन्हें तीन समूहों में बांटा गया था। मोदी ने प्रत्येक समूह के पांच नेताओं से बातचीत की।
गुजरात के मुख्यमंत्री ने जिन नेताओं से बात की उनमें पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे, राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष संजय मयूक, विधायक नितिन नारायण एवं विजय सिंह शामिल हैं। बिहार के भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडे ने मोदी से कहा कि हर कोई उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना के बारे में बात कर रहा है।
मोदी ने इस सुझाव को हंसकर टाल दिया। उन्होंने कहा कि महंगाई एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभर रही है तथा भाजपा कार्यकर्ताओं को इस एवं अन्य मुद्दों पर कांगे्रस नीत केन्द्र सरकार से लड़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी चाहिए।
उन्होंने जब आरा, औरंगाबाद एवं बांका के पार्टी नेताओं से बातचीत की तो ऐसा प्रतीत हुआ कि उन्हें क्षेत्रों की भौगोलिक जानकारी है क्योंकि उन्होंने कुछ जगहों का उल्लेख किया। इनमें से एक से उन्होंने जदयू के दिवंगत नेता दिग्विजय सिंह के बारे में बातचीत की।