भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया था कि ‘पहले मतदान, फिर जलपान’, लेकिन दिल्ली के कुछ मतदान केंद्रों में इससे उलट नजारा देखने को मिला। लोगों ने मतदान केंद्रों पर ही ‘पहले जलपान, फिर मतदान’ किया। ये मतदान केंद्र, वे थे, जिन्हें चुनाव आयोग ने पहली बार आदर्श मतदान केंद्र के रूप में कई विधानसभा क्षेत्रों में बनाया था। गेट पर फूलों की सजावट, अंदर पहुंचते ही बैठने के लिए कुर्सियां और वहीं पानी, चाय और कॉफी भी पिलाने की व्यवस्था चुनाव आयोग ने कर रखी थी। मतदाताओं को ऐसा लगा कि जैसे किसी शादी में शरीक होने आए हों।
दो जगह बने थे आदर्श मतदान केंद्र :-
बाहरी व उत्तरी-पश्चिमी जिले में दो जगह आदर्श मतदान केंद्र रिठाला के जी ब्लॉक प्रतिभा विद्यालय में व शालीमार बाग के बी ब्लॉक में बनाए गए थे। शालीमार बाग के आदर्श मतदान केंद्र में मतदाता ने मोबाइल रखने का काउंटर नहीं होने की शिकायत रजिस्टर में की थी। थोड़ी ही देर में पहुंचे चुनाव अधिकारी ने रजिस्टर में शिकायत देखी तो तुरंत मतदाताओं का मोबाइल फोन रखने के लिए काउंटर लगवाया।
ई-रिक्शा व व्हील चेयर की थी व्यवस्था :-
पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर विधानसभा क्षेत्र के गुरु नानकपुरा में बनाए गए मॉडल मतदान को दुल्हन की तरह सजाया गया था। प्रवेश द्वार पर ई-रिक्शा के साथ साथ व्हील चेयर की भी व्यवस्था थी। सिविल डिफेंस के लोगों को विकलांग व बुजुर्गो की मदद के लिए तैनात किया गया था। मतदान कक्ष के बाहर कुर्सियां रखी गई थी, जिससे लाइन में खड़े लोग उस पर बैठ सकें।
.यहां टेबल तक नहीं था :-
ईस्ट गुरु अंगद नगर में सामुदायिक केंद्र पर बने पोलिंग बूथ में अव्यवस्थाओं का बोलबाला था। स्थिति यह थी कि आयोग द्वारा मतदाताओं को फोटो लगी पर्ची देने के लिए तैनात कर्मचारियों को टेबल तक उपलब्ध नहीं था। जिसकी वजह से वह पैर पर ही कागज रखकर लोगों को पर्चियां फाड़ कर दे रहे थे। शालीमार बाग के बीबी ब्लाक में बनाया गया आदर्श मतदान केंद्र।