बहुगुणा ने अफसरों पर फोड़ा काम ना करने का ठीकरा

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उत्तराखंड में त्रासदी से निपटने का बीड़ा सेना और आईटीबीपी ने उठाया है और बखूबी निभा रही है लेकिन स्थानीय प्रशासन और बाकी सरकारी तंत्र के हाथ-पांव फूले हुए हैं। राहत और बचाव को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को भी मानना पड़ा कि उनके अधिकारी किसी काम के नहीं।

क्या  उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कई दिन तक बिना कुछ खाए पि…

बहुगुणा ने अफसरों पर फोड़ा काम ना करने का ठीकरा

उत्तराखंड में त्रासदी से निपटने का बीड़ा सेना और आईटीबीपी ने उठाया है और बखूबी निभा रही है लेकिन स्थानीय प्रशासन और बाकी सरकारी तंत्र के हाथ-पांव फूले हुए हैं। राहत और बचाव को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को भी मानना पड़ा कि उनके अधिकारी किसी काम के नहीं।

क्या  उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कई दिन तक बिना कुछ खाए पिए जिन्दगी के लिए संघर्ष करते रहे लोगों का दर्द बनावटी है, क्या वे झूठ बोल रहे है कि वे अपने दूध मुहे बच्चों के साथ रात दिन भूखे प्यासे इस आस में बैठे रहे कि कोई फरिस्ता आयेगा और उन्हें कभी ना भूले जा सकने वाले इस दर्द से मुक्ति दिलवाएगा। ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के दावे से ऐसा ही लगता है कि मौत को मात देकर आये ये लोग झूठ बोल रहे है क्योंकि बहुगुणा ये दावा कर रहे हैं कि कही भी खाने पीने के सामान की कोई कमी नहीं है।

एक मां केदार घाटी में अपने बच्चों के साथ भूखे प्यासे रह कर बिताए गए समय को याद करके ही रोने लगती है और इस बारे में जब वो बात करती है तो उसके दिल से निकले शब्दों में छिपे दर्द को महसूस कर शायद आपका भी दिल भर आये। यह किसी एक मां का दर्द नहीं बल्कि ये दर्द है उन हजारों मांओं का जिनके बच्चे भूख प्यास से बिलखते रहे और वे उन्हें सिर्फ दिलासा ही देती रही।

लेकिन देहरादून में मीडिया के साथ बात कर रहे बहुगुणा यह दावा कर रहे हैं कि राज्य के प्रत्‍येक हिस्से में खाद्य सामग्री की कोई कमी ना पहले थी और ना अब है। बहुगुणा कितना सच बोल रहे है ये सब को पता है लेकिन बहुगुणा के इस बयान से कम से कम ये तो साफ़ है की वे कितने सवंदेनहीन हो चुके है अन्यथा क्या उन्हें भूख प्यास से बिलखते लोगो का दर्द दिखायी नहीं देता।

बहुगुणा केदारनाथ सहित उत्तराखंड के एक बड़े हिस्से में आई आपदा के बाद चारों और फैली अव्यवस्था को लेकर भारत सरकार तक की नाराजगी झेल चुके है। राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के भ्रमण प़र आये केन्द्रीय ग्रह मंत्री सार्वजनिक रूप से ये बात कह चुके है कि आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के संचालन में समन्वय की कमी थी। राज्य के हालात किस कद्र खराब है और जनता में व्यवस्था को लेकर कितनी नाराजगी है उसका आलम यह है की मुख्यमंत्री जहां भी गए उन्हें लोगों की नाराजगी का तो सामना करना पड़ा। उन्हें उनकी पार्टी के विधायकों तक ने जमकर खरी खोटी सुनाई। जनता की इस नारजगी के बाद मुख्यमंत्री आपदा प्रभावित राज्य के किसी भी हिस्से में नहीं गए। बरहाल आज आपदा के सात दिन बाद राज्य के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने स्वीकार कर लिया की उनके अधिकारी इस लायक नहीं है कि वह राज्य में आई आपदा के बाद पैदा हुए हालात से निबट सके।