बाबरी केस में आडवाणी और जोशी समेत 20 को नोटिस, चार हफ्ते में मांगा जवाब

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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले से जुड़े 22 साल पुराने केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को नोटिस दिया है. इसके अलावा एलके आडवाणी सहित 20 लोगों को भी नोटिस दिया गया है. इसके साथ ही चार हफ्तों में जवाब देने को कहा है.

यह सुनवाई एक याचिका के दायर होने के बाद हुई है. याचिका में दावा किया गया था कि सीबीआई ने पूरे मामले में लाल कृष्ण आडवाणी को बचाने की कोशिश की.

इस याचिका में 2010 में आए इलाहबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें लाल कृष्ण आडवाणी को बाबरी मस्ज‍िद तोड़ने के आरोप से बरी कर दिया गया था.

यह याचिका फैजाबाद के रहने वाले हाजी हाजी महमूद अहमद की तरफ से दायर की गई थी, जो रामजन्मभूमि विवाद केस से पिछले 45 साल से जुड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘राजनाथ सिंह भी इस मामले में आरोपी हैं, लेकिन अब वह गृहमंत्री हैं और सीबीआई पर भी उनका नियंत्रण है. दूसरे आरोपी कल्याण सिंह भी राजस्थान के गवर्नर हैं और उमा भारती कैबिनेट मंत्री हैं.’

अहमद भी उन लोगों में से हैं, जिनका घर हिंसा के दौरान जला था, ढहाया गया था. उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि एक पीड़ित पार्टी के तौर पर उन्हें इस मामले में बहस करने की इजाजत दी जाए. उन्होंने सीबीआई जांच पर संदेह भी जताया है.

इस केस की सुनवाई चीफ जस्ट‍िस एचएल दत्तू के सामने आज होगी. इस मामले के आरोपियों में कल्याण सिंह, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार और अशोक सिंघल शामिल हैं. इलाहाबाद कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराने के मामले में 21 आरोपियों को साजिश के आरोप से मुक्त कर दिया था.