नई दिल्ली। संसद का वर्तमान सत्र समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। इस मंत्रिमंडल विस्तार में लगभग एक दर्जन नए चेहरों को जगह मिलने की संभावना है।
मंत्रिमंडल विस्तार में मुख्य फोकस सभी राज्यों को उचित प्रतिनिधित्व देने का होगा। इस समय मोदी मंत्रिमंडल में 44 मंत्री हैं जिनमें 22 कैबिनेट और इतनी ही संख्या राज्य मंत्रियों की भी है।
एक अंग्रेजी बेवसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक इस मंत्रिमंडल विस्तार में हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा को वित्त राज्यमंत्री बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि जयंत सिन्हा भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे हैं। इस समय यह मंत्रालय निर्मला सीतारमन के पास है। इसके साथ ही उनके पास वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भी है। सीतारमन को एक मंत्रालय के भार से मुक्त किया जा सकता है।
इस समय मोदी मंत्रिमंडल में कई मंत्री है जिनके पास एक से अधिक मंत्रालय हैं, ऐसे मंत्रियों का भार कम किया जा सकता है। प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल के पास एक से अधिक महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं। इन पदों पर नए चेहरों को जगह दी जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा मंत्रिमंडल में जगह पाने वालों की दौड़ में शामिल हैं। पहले उन्हें भाजपा अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा थी लेकिन बाद में अमित शाह बाजी मार गए। राजस्थान से दो सांसदों अजमेर के सांसद सनवर लाल जाट और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को भी मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद मिलने की संभावना है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रदेश में सभी 25 सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन सिर्फ एक ही सांसद को मंत्री बनाया गया।
इसी तरह से उत्तराखंड में भी भाजपा ने क्लीन स्वीप किया था। यहां से राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और रमेश पोखरियाल को मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रिपरिषद में जगह मिलने की संभावना है। बंगला, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से भी पार्टी और सहयोगी दलों के कई नाम हैं जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है।