BJP के इलेक्शन कमांडर नरेंद्र मोदी ने मुंबई में महाराष्ट्र बीजेपी कोर ग्रुप के साथ बैठक की और 2014 के आमचुनाव के मद्देनजर रणनीति को लेकर गहरी चर्चा की। हालांकि पहली बार महाराष्ट्र दौरे पर पहुंचे नरेन्द्र मोदी के आश्चर्यजकन रूप से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी उपस्थित नहीं हुए।
चुनाव अभियान समिति की कमान संभालने के बाद मोदी का यह दूस…
BJP के इलेक्शन कमांडर नरेंद्र मोदी ने मुंबई में महाराष्ट्र बीजेपी कोर ग्रुप के साथ बैठक की और 2014 के आमचुनाव के मद्देनजर रणनीति को लेकर गहरी चर्चा की। हालांकि पहली बार महाराष्ट्र दौरे पर पहुंचे नरेन्द्र मोदी के आश्चर्यजकन रूप से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी उपस्थित नहीं हुए।
चुनाव अभियान समिति की कमान संभालने के बाद मोदी का यह दूसरा अह्म कार्यक्रम है। इससे पहले वो पंजाब के पठानकोट में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर रैली को संबोधित कर चुके हैं। मुंबई में बीजेपी कोर ग्रुप के साथ चुनाव मंत्रणा करने के बाद मोदी एनडीए के सहयोगी दल शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे से मिलने मातोश्री पहुंचे।
समझा जा रहा है इस मुलाकात के पीछे सामना अखबार में छपी वो नसीहत है, जिसमें मोदी को राष्ट्रीय नेता की तरह बर्ताव करने की सलाह दी गई थी। आज मोदी को 5 बजे CII की तरफ से होटल ताज में आयोजित कार्यक्रम में भी भाषण देना है। इसके अलावा मोदी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में भी ‘स्वराज से सुराज‘ विषय पर भाषण देंगे। इस दौरान लोकसभा में पार्टी के उपनेता गोपीनाथ मुंडे और प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद रहेंगे।
बंद कमरे में हुई इस बैठक में महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी और पार्टी महासचिव राजीव प्रताप रूडी, पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गोपीनाथ मुंडे, प्रदेश इकाई के अध्यक्ष देवेन्द्र फड़नवीस, विधानसभा में विपक्ष के नेता एकनाथ खडसे के अलावा विनोद तावड़े आदि मौजूद थे।
मोदी ने राज्य में वर्तमान राजनीतिक स्थिति, पार्टी के संगठनात्मक विषयों और शिव सेना से गठबंधन जैसे विषयों पर चर्चा की। बैठक से पहले, जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सभी राज्यों में पार्टी की चुनावी तैयारी की समीक्षा कर रहे हैं। वह लोकसभा चुनाव और गठबंधन बनाने जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे।
नरेंद्र मोदी का मिशन 2014 जारी है। आज मुंबई में उन्होंने शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात की तो 23 जून को पठानकोट में अकालीदल नेताओं से मुलाकात की थी।
माना जा रहा है कि जेडीयू के अलग होने के बाद मोदी की ये सहयोगियों को साथ लेकर चलने की कवायद है और मोदी की सबसे बड़ी चुनौती भी है। एक तरफ बीजेपी मुंबई में नरेंद्र मोदी का स्वागत कर रही है तो दूसरी तरफ एनसीपी ने नरेंद्र मोदी को लेकर गंभीर सवाल पूछे हैं। साफ है गुजरात दंगो का प्रेत मोदी का पीछा नहीं छोड़ रहा है।