दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को लेकर यूपी सरकार किसी भी हाल में झुकने को तैयार नहीं। एक तरफ यूपी सरकार ने निलंबन के बाद अब दुर्गा को चाजशीट सौंप दी है वहीं समाजवादी पार्टी और अखिलेश सरकार अपने फैसले को सही ठहराने में जुटी है।
नोएडा की निंलबित SDM दुर्गा नागपाल के समर्थकों की संख्या भले ही बढ़ रही हो, लेकिन यूपी सरकार इस पूरे मसले पर कई कदम आगे बढ़…
दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को लेकर यूपी सरकार किसी भी हाल में झुकने को तैयार नहीं। एक तरफ यूपी सरकार ने निलंबन के बाद अब दुर्गा को चाजशीट सौंप दी है वहीं समाजवादी पार्टी और अखिलेश सरकार अपने फैसले को सही ठहराने में जुटी है।
नोएडा की निंलबित SDM दुर्गा नागपाल के समर्थकों की संख्या भले ही बढ़ रही हो, लेकिन यूपी सरकार इस पूरे मसले पर कई कदम आगे बढ़ चुकी है। यूपी सरकार ने दुर्गा को निलंबन के बाद चार्जशीट सौंप दी है।
चार्जशीट में दुर्गा की प्रशासनिक क्षमता पर सवाल उठाए गए हैं। दुर्गा से पूछा गया है कि निर्माण गिराने में कानूनी प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं किया गया? उनसे पूछा गया है कि इस मामले में सीनियर की सलाह क्यों नहीं लगी गई?दुर्गा को दी गई चार्जशीट की कॉपी केंद्र सरकार को भी भेजी गई है।
दुर्गा नागपाल को नोएडा के कादलपुर में एक धार्मिक स्थल की दीवार तोड़ने का दोषी ठहराया गया है और निलंबन के एक करीब एक सप्ताह बाद उन्हें इसके लिए चार्जशीट भी सौंप दी गई है। सरकार दुर्गा पर कानूनी परंपरा का ध्यान ना रखने का आरोप भी लगा रही है। जब दुर्गा को चार्जशीट दी गई तकरीबन उसी वक्त सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इफ्तार पार्टी में शिरकत कर रहे थे।
दुर्गा को लेकर सियासत यहां भी हुई। मुख्यमंत्री तो इस मुद्दे पर नहीं बोले लेकिन यूपी के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने जरूर इसकी कमी पूरी कर दी।
अहमद हसन साहब अधिकारियों पर सियासत करने का आरोप लगा रहे हैं लेकिन जब उनकी पार्टी के नेता 41 मिनट में एक अधिकारी को उसकी औकात बताने की बात करते हैं तो शायद उनकी नजर में कुछ भी गलत नहीं और ना ही निलंबन को सही साबित करने की समाजवादी कोशिश में उन्हें कोई गलती नजर आती है।
बहरहाल तमाम सियासी दांव पेंचों के बीच दुर्गा के निलंबन का मामला यूपी की सडकों से लेकर दिल्ली के गलियारों तक गूजं चुका है। मामला कोर्ट की दहलीज तक भी पहुंचा है लेकिन सवाल बरकरार है कि क्या एक ईमानदार अधिकारी को उसकी ड्यूटी के लिए यही इनाम मिलना चाहिए।
निलंबित आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल को चार्जशीट देने पर बीजेपी ने कड़ा एतराज जताया है। बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के मुताबिक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की आपसी लड़ाई में एक ईमानदार अफसर पिस रही है।
योग गुरु बाबा रामदेव ने दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को तो गलत बताया है लेकिन अखिलेश सरकार के खिलाफ एक भी शब्द बोलने से बचते रहे। बाबा के मुताबिक सभी दल ईमानदार अफसरों को अपने निशाने पर रखते हैं लेकिन बाबा के निशाने पर हमेशा की तरह इस बार भी सोनिया गांधी थी।