वाड्रा के लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर करने पर रोक

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हरियाणा में वरिष्ठ आईएएस और तत्कालीन चकबंदी महानिदेशक डॉ. अशोक खेमका की ओर से रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट द्वारा डीएलएफ को बेची जमीन का इंतकाल रद्द करने के आदेश को भले ही तीन अफसरों की कमेटी ने गलत ठहराया हो लेकिन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने वरिष्ठ आईएएस के आदेश को माना है।

खेमका के आदेश को मानते हुए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने इस जमीन पर निर्माण का लाइसेंस वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट से डीएलएफ के नाम ट्रांसफर करने की प्रक्रिया पर रोक लगा रखी है। यही विभाग कंस्ट्रक्शन के लिए लाइसेंस जारी करता है।

स्काई लाइट ने अपना कॉमर्शियल लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर करने के लिए विभाग के पास 18 जनवरी, 2012 को आवेदन किया था। विभाग ने 3 अप्रैल, 2012 को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी।

सैद्धांतिक मंजूरी के अनुसार डीएलएफ के नाम जमीन का इंतकाल होते ही लाइसेंस भी उसको हस्तांतरित हो जाता। सैद्धांतिक मंजूरी के बाद स्काई लाइट ने 18 सितंबर, 2012 को जमीन डीएलएफ को बेच दी और राजस्व विभाग ने 19 सितंबर, 2012 को इंतकाल कर दिया।

स्काई लाइट ने यह इंतकाल विभाग के पास 27 सितंबर, 2012 को जमा करा दिया। अभी विभाग की तरफ से डीएलएफ के नाम लाइसेंस ट्रांसफर करने की प्रक्रिया जारी थी कि 15 अक्तूबर, 2012 को तत्कालीन चकबंदी महानिदेशक अशोक खेमका ने डीएलएफ के नाम किया गया इंतकाल रद्द कर दिया और उसकी प्रति टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के पास भेज दी।

विभाग ने चार दिन बाद 19 अक्तूबर, 2012 को स्काई लाइट को नोटिस जारी कर पूछ लिया कि उनकी जमीन का इंतकाल रद्द हो गया है इसलिए लाइसेंस ट्रांसफर करने की सैद्धांतिक मंजूरी क्यों न वापस ले ली जाए। इसके बाद स्काई लाइट कंपनी ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया और यह लाइसेंस आज तक डीएलएफ को ट्रांसफर नहीं हो सका।

लाइसेंस रिन्युअल का फिर से आवेदन
लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर न होने के कारण वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के पास 5 जून, 2013 को कॉमर्शियल लाइसेंस रिन्यू करने के लिए आवेदन किया है। अभी तक विभाग ने लाइसेंस रिन्यू नहीं किया है और यह आवेदन लंबित है। इससे पहले भी विभाग दो साल के लिए लाइसेंस रिन्यू कर चुका है।

‘डीएलएफ के नाम जमीन का इंतकाल तत्कालीन चकबंदी महानिदेशक अशोक खेमका द्वारा रद्द किए जाने के आदेश की प्रति 15 अक्तूबर, 2012 को विभाग के पास पहुंच गई थी। नतीजतन जमीन डीएलएफ के नाम नहीं रह गई थी। इस वजह से स्काई लाइट का लाइसेंस डीएलएफ के नाम ट्रांसफर नहीं किया गया। जब तक राजस्व विभाग या मुख्य सचिव कार्यालय से 15 अक्तूबर, 2012 के आदेश वापस लेने का आदेश विभाग के पास नहीं पहुंचता तब तक लाइसेंस ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। अलबत्ता लाइसेंस रिन्यू करने का आवेदन विचाराधीन है।’