बिहार के सारण जिले में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में मध्यान भोजन विषाक्तता के कारण मरने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या गुरूवार को बढ़कर 23 हो गई जबकि 25 से अधिक बच्चे हॉस्पिटल में अभी जिंदगी और मौत की लड़ा्ई लड़ रहे हैं।
सारण के जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि एक अन्य मृत बच्चे को जिला प्रशासन को सूचित किये बिना उसके परिजनों द्वारा दफना दिए जाने…
बिहार के सारण जिले में एक सरकारी प्राथमिक स्कूल में मध्यान भोजन विषाक्तता के कारण मरने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या गुरूवार को बढ़कर 23 हो गई जबकि 25 से अधिक बच्चे हॉस्पिटल में अभी जिंदगी और मौत की लड़ा्ई लड़ रहे हैं।
सारण के जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि एक अन्य मृत बच्चे को जिला प्रशासन को सूचित किये बिना उसके परिजनों द्वारा दफना दिए जाने की सूचना प्राप्त हुई है।
इस बच्चे की मौत के साथ सारण जिला मुख्यालय छपरा सदर अस्पताल में मरने वाले ऐसे बच्चों की संख्या अब बढकर 17 हो गयी है।विषाक्त भोजन करने से गंभीर रूप से बीमार पडे चार बच्चों की छपरा से पटना लाने के दौरान रास्ते में मौत हो गयी>
जबकि दो अन्य बच्चों की मौत पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में इलाज के दौरान कल हो गयी थी। इस हादसे में बीमार पडी एक रसोईया और 24 अन्य बच्चों का पीएमसीएच में इलाज जारी है।
पीएमसीएच के अधीक्षक अमरकांत झा आजाद ने बताया कि उनके अस्पताल में भर्ती रसोईया सहित सभी बच्चों की हालत में अब सुधार आ रहा है।
सारण के जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि उक्त स्कूल की आरोपी प्रभारी शिक्षका मीना देवी को निलंबित कर दिया है और वह अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ फरार है।
उन्होंने कहा कि इस घटना के मद्देनजर मशरख प्रखंड के धरमसाती गंडामन गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि गत 16 जुलाई को माध्याह्न भोजन के तौर स्कूल में चावल, दाल और आलू एवं सोयाबीन की सब्जी खाने के बाद ये बच्चे उल्टी, पेट में दर्द की शिकायत के बाद बेहोश हो गए थे।