रेत माफिया के खिलाफ खड़ी होने वाली उत्तर प्रदेश की आईएएस अधिकारी के निलंबन का मामला राजनीतिक तूफान की शक्ल अख्तियार करता नजर आ रहा है। खबर है सोनिया गांधी ने दुर्गा शक्ति निलंबन प्रकरण पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी है।
दरअसल, करीब 8 दिनों बाद में सुध लेती हुई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को निलंबित अधिकारी के समर्थन में उतरते…
रेत माफिया के खिलाफ खड़ी होने वाली उत्तर प्रदेश की आईएएस अधिकारी के निलंबन का मामला राजनीतिक तूफान की शक्ल अख्तियार करता नजर आ रहा है। खबर है सोनिया गांधी ने दुर्गा शक्ति निलंबन प्रकरण पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी है।
दरअसल, करीब 8 दिनों बाद में सुध लेती हुई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को निलंबित अधिकारी के समर्थन में उतरते हुए कहा कि निहित स्वार्थों के खिलाफ खडे होने के लिए उन्हें सजा नहीं मिलनी चाहिए, जिस पर मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की ओर से कड़ा प्रत्युत्तर दिया गया।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश की आईएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल के निलंबन को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा गया पत्र राजनीति से प्रेरित है।
मीनाक्षी ने कहा, पत्र लिखने का कारण है कि वह परेशान हैं क्योंकि कांग्रेस के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ रहा है। इसलिए सिद्धांत से ज्यादा राजनीति से प्रेरित है।
उन्होंने कहा, अगर श्रीमती गांधी को दुर्गा नागपाल के निलंबन की इतनी चिंता है तो उन्हें आईएएस अधिकारी :अशोक खेमका: के मामले पर भी गौर करना चाहिए जिसका राबर्ट वड्रा के भूमि सौदे पर गौर करने के लिए 44 बार तबादला किया गया।
सोनिया ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि इस बात को लेकर व्यापक स्तर पर चिंता है क्योंकि निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल लोकसेवा के अपने कर्तव्य के पालन के दौरान, अवैध गतिविधियों में लिप्त निहित स्वार्थी तत्वों के खिलाफ खड़ी हुई थी।
सोनिया ने कहा कि ऐसा बताया गया है कि नागपाल को बिना ठोस कारणों के जल्दबाजी में निलंबित किया गया है। सोनिया ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना है कि अधिकारी के साथ कोई अनुचित व्यवहार न न हो । नागपाल उत्तर प्रदेश में खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चर्चा में थी।
सोनिया की चिट्ठी पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि सोनिया गांधी को अपने दामाद राबर्ट वड्रा के हरियाणा और राजस्थान में भूमि सौदों के बारे में भी दो और पत्र प्रधानमंत्री को लिखने चाहिए।
अग्रवाल ने कहा, सोनिया गांधी को दो और पत्र लिखने चाहिए । एक हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के बारे में जिन्हें मुख्यमंत्री ने निलंबित किया था और दूसरा राजस्थान के मुख्यमंत्री को दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित करने के लिए। दोनों मामलों में, राबर्ट वाड्रा का नाम आया था। ये मामले भूमि सौदों के बारे में थे। इसलिए उन्हें प्रधानमंत्री को दो पत्र लिखने चाहिए ताकि इन सभी मामलों में न्याय किया जा सके।
राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के अध्यक्ष के रूप में लिखे अपने पत्र में सोनिया ने प्रधानमंत्री से मौजूदा मामले से प्रकाश में आए मुद्दों पर ध्यान केन्दि्रत करने को कहा है । साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा है कि क्या सरकारी कर्मचारियों को अपने कर्तव्य को अंजाम देने के दौरान उनके संरक्षण के लिए कुछ और उपाय किए जाने की जरूरत है ?
गौरतलब है 2010 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी 28 वर्षीय नागपाल को गौतम बुद्ध नगर के एसडीएम के पद से 27 जुलाई को एक मस्जिद की दीवार गिराने का कथित रूप से आदेश देने के लिए इस आधार पर निलंबित कर दिया गया था कि इससे सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता था।
पिछले साल अगस्त में नागपाल के कैडर को पंजाब से बदल कर उत्तर प्रदेश किया गया था। उन्हें लखनउ में राजस्व बोर्ड से संबद्ध किया गया है। भाजपा ने सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री को लिखे पत्र को केवल समय की बर्बादी बताते हुए कहा है कि कांग्रेस और सपा दोनों मिली हुई हैं।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, सपा उत्तर प्रदेश में राज कर रही है और पार्टी केंद्र की संप्रग सरकार को समर्थन दे रही है । प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर, सोनिया गांधी महज औपचारिकता निभा रही हैं क्योंकि वह सपा के समर्थन से देश का शासन चला रही हैं और उन्हें खाद्य सुरक्षा विधेयक मुद्दे पर भी सपा के समर्थन की जरूरत है।