हिरासत में रखे युवक के प्राइवेट पार्ट में थानेदार ने डाला तेजाब का इंजेक्शन

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लखनऊ।। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी हैं। एटा जिले में सगे भाई की हत्या के आरोपी से जुर्म कबूल करवाने के लिए पुलिस ने थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया। जुर्म कबूल करवाने के लिए आरोपी बलवीर के प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल और तेजाब भरकर इंजेक्शन लगाया गया, जिससे उसकी पहले हालत खराब हुई और फिर बाद में मौत हो गई।

मामला सुर्खियों में आने के बाद चौतरफा घिरी यूपी पुलिस हरकत में आई और मामले में दारोगा शैलेंद्र सिंह सहित दो होमगार्डों को सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही, मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। आरोपी दारोगा और होमगार्ड के खिलाफ अवागढ़ थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कर ली गई है।

अलीगढ़ रेंज के डीआईजी प्रकाश डी शनिवार को खुद मामले की छानबीन करने के लिए एटा पहुंचे। उन्होंने बताया कि आरोपी बलवीर की मौत के मामले में एटा के एसएसपी अजय मोहन शर्मा ने अवागढ़ थाने में तैनात दारोगा शैलेंद्र सिंह और दो होमगार्डों को सस्पेंड कर दिया है। बलवीर की मौत के मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

क्या था मामलाः एटा जिले के सकरौली क्षेत्र के इसौली गांव के रहने वाले मानिकचंद्र सरानी का शव 9 अप्रैल को हजारा नहर में मिला था। मृतक के चाचा गंगाराम ने मामले में मानिकचंद्र के ससुर साहब सिंह, पत्नी सावित्री देवी, ससुर के भाई सुनहरी लाल, प्रेमपाल और सरानी गांव के प्रधान मनवीर सिंह सहित पांच लोगों के खिलाफ अवागढ़ थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कराया था।

मुकदमे की तफ्तीश के दौरान चार दिन बाद ही अवागढ़ पुलिस ने केस का रुख पलट दिया और अवैध संबंधों के चलते महेश, चोब सिंह, बलवीर और बनी खान पर हत्या कर शव नहर में फेक देने का आरोप लगाया।

20 अप्रैल को पुलिस ने इस मामले में महेश, चोब सिंह, बलवीर और बनी खान को हिरासत में लिया। जुर्म का इकबाल कराने के बाद पुलिस ने सभी को 24 अप्रैल को जेल भेज दिया। जेल में बलवीर की तबीयत बिगड़ गई। जेल प्रशासन ने बलवीर को पहले इलाज के लिए एटा जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से डाक्टरों ने उसे केजीएमयू रेफर कर दिया।

शुक्रवार सुबह बलवीर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।