एएसजी हरीन रावल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अटॉर्नी जनरल पर सवाल खड़े करने के बाद से ही हरीन रावल की छुट्टी तय मानी जा रही थी। मंगलवार को ही सरकार ने इस केस की पैरवी से हरीन रावल को हटा दिया था, इससे नाराज हरीन रावल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा कानून मंत्री को सौंपा है।उधर कोयला घोटाले पर सीबीआई के हलफनामे पर रंजी…
एएसजी हरीन रावल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अटॉर्नी जनरल पर सवाल खड़े करने के बाद से ही हरीन रावल की छुट्टी तय मानी जा रही थी। मंगलवार को ही सरकार ने इस केस की पैरवी से हरीन रावल को हटा दिया था, इससे नाराज हरीन रावल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा कानून मंत्री को सौंपा है।उधर कोयला घोटाले पर सीबीआई के हलफनामे पर रंजीत सिन्हा ने कहा है कि सीबीआई कोई स्वायत संस्था नहीं बल्कि, सरकार का अंग है और रिपोर्ट किसी बाहरी को नहीं बल्कि, सरकार को दिखाई गई है। इतना ही नहीं, सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने साफ किया है कि वो कोर्ट को पूरी जानकारी मुहैया कराएंगे।आज सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई के हलफनामे से सरकार की जमकर किरकिरी हुई है। कोल स्कैम की जांच रिपोर्ट शेयर करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई पर तल्ख टिप्पणी की है। अब मुश्किल में फंसे कानून मंत्री की कुर्सी पर तलवार लटकती दिख रही है।सीबीआई के हलफनामे से साफ है कि कानून मंत्री और पीएमओ ने स्टेटस रिपोर्ट में बदलाव करवाया। कोर्ट ने सीबीआई से सवाल किया कि किसके कहने पर रिपोर्ट शेयर की और इस बारे में कोर्ट को अंधेरे में क्यों रखा गया। कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई को सियासी हस्तक्षेप से मुक्त करने करना होगा तभी जनता में भरोसा कामय हो पाएगा, वहीं मुश्किलों में घिरी सरकार के लिए जवाब देते नहीं बन रहा है।मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट में फजीहत के बाद कांग्रेस में मंथन जारी है। प्रधानमंत्री ने साफ किया कि रिपोर्ट पढ़ने के बाद कार्रवाई करेंगे। अब देखना यह है कि कोयले की कालिख किसके ऊपर पड़ती है।