कोरोना संकट के बीच नीट (NEET) और जेईई (JEE) परीक्षा को लेकर देश में सियासत गरमा गई है. परीक्षा को लेकर विपक्षी दल सरकार से लगातार सवाल पूछ रहे हैं. इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से कहा कि सरकार JEE-NEET की परीक्षाएं कराकर मेडिकल या इंजीनियरिंग में एडमिशन देने की जिद न करे.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार JEE-NEET की परीक्षाएं कराकर मेडिकल या इंजीनियरिंग में एडमिशन देने की जिद न करे. छात्रों को अगर टेस्ट के लिए स्कूल-कॉलेज के परीक्षा सेंटर बुलाया गया और 50 बच्चों को कोरोना हो गया तो क्या करेंगे. तमाम प्रोटोकॉल के बावजूद इसे फैलने से नहीं रोक पाएंगे, आखिर क्यों बच्चों की जान से खेलना चाहते हो?
ऑनलाइन समाधान तलाशे केंद्रः मनीष
मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा कि सरकार को एक मंत्री या प्रशासक की जगह पेरेंट्स बनकर सोचना चाहिए. सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार मन बनाए कि 28 लाख बच्चों की जिंदगी खतरे में नहीं डालेंगे तब समाधान निकल जाएगा. छात्रों को सिस्टम में मत झोंकिए, सिस्टम बदलने की जरूरत है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री सिसोदिया ने कहा कि मैं केंद्र सरकार को आइडिया देने के लिए तैयार हूं. उन्होंने यह भी कहा कि पेरेंट्स कभी नहीं चाहेंगे कि जहां 500 या 1000 बच्चे परीक्षा देने जा रहे हैं वहां अपने बच्चों को भेजें.
ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा लिए जाने का सुझाव देते हुए सिसोदिया ने कहा कि परीक्षा के लिए 21वीं सदी में 3 घंटे का एकमात्र रास्ता अपनाना एक अव्यवहारिक सोच है. ऑनलाइन समाधान निकाला जा सकता है. देश में कई एक्सपर्ट हैं. केंद्र सरकार को तुरंत इस पर फैसला लेने की जरूरत है.
दिल्ली में कोरोना संक्रमण फैलने को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सिसोदिया ने कहा कि मैं दिल्ली के लिए इसलिए चिंतित हूं कि अगर एग्जाम के दौरान किसी सेंटर पर जरा भी संक्रमण का चांस हुआ तो मुझे डर है कि एग्जाम देने आए सभी बच्चे संक्रमित न हो जाएं.
मनीष सिसोदिया ने शनिवार को भी केंद्र सरकार से मांग की थी कि जेईई और नीट की परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार परीक्षा के नाम पर लाखों छात्रों की जिंदगी से खेल रही है.
सिर्फ मनीष सिसोदिया ही नहीं देश के कई अन्य दलों के नेता भी सरकार से परीक्षा रोकने की मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों नीट और जेईई परीक्षा कराने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर परीक्षा कराने के लिए हरी झंडी दे दी थी. जबकि छात्र कोरोना संकट के कारण परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं.
छात्रों की मांग को लेकर कई विपक्षी दलों ने सरकार से फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को एक ट्वीट कर इस पर सोचने के लिए कहा.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि कोरोना को लेकर देश में परिस्थितियां अभी सामान्य नहीं हुई हैं. ऐसे में अगर NEET और JEE परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों ने कुछ चिंताएं जाहिर की हैं तो भारत सरकार व टेस्ट कराने वाली संस्थाओं को उस पर सही से सोच विचार करना चाहिए.
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर इसे सत्याग्रह अभियान का नाम दिया है. प्रियंका से पहले राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर छात्रों की बात सुनने का अनुरोध किया था.
NEET और JEE परीक्षा के मुद्दे पर 25 अगस्त के बाद 2 बैठक होनी है. यह मीटिंग शिक्षा मंत्री आयोजित करेंगे. माना जा रहा है कि शिक्षा मंत्रालय परीक्षा को टाल सकता है. कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए ऐसा फैसला लिया जा सकता है. हालांकि, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों की लिस्ट और जरूरी गाइडलाइन जारी कर दी है.