आतंकियों पर हमला नहीं, अब जासूसी करेंगे अमेरिकी ड्रोन विमान!

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पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान में छुपे तालिबानी आतंकियों कि लिए राहत की खबर है, अमेरिकी मानवरहित ड्रोन विमान अब आतंकियों पर बम गिराने की बजाए जासूसी काम करेंगे। अमेरिकी प्रशासन जल्‍द ड्रोन विमानों को पाकिस्‍तान और अमेरिका से हटा कहीं और तैनात करने जा रहा है।हालांकि अभी तक इस बात की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि अमेरिका अपने ड्रोन विमानों को विश्‍व के… आतंकियों पर हमला नहीं, अब जासूसी करेंगे अमेरिकी ड्रोन विमान!

पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान में छुपे तालिबानी आतंकियों कि लिए राहत की खबर है, अमेरिकी मानवरहित ड्रोन विमान अब आतंकियों पर बम गिराने की बजाए जासूसी काम करेंगे। अमेरिकी प्रशासन जल्‍द ड्रोन विमानों को पाकिस्‍तान और अमेरिका से हटा कहीं और तैनात करने जा रहा है।हालांकि अभी तक इस बात की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि अमेरिका अपने ड्रोन विमानों को विश्‍व के किस हिस्‍से में तैनात करेगा। लेकिन सूत्रों की मानें तो अब इन मानवरहित विमानों से जासूसी का काम लिया जाएगा। एक अंग्रेजी न्‍यूजपेपर द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ‘अमेरिकी सरकार ड्रोन का इस्तेमाल हथियारबंद समूहों, तस्करों, समुद्री डाकुओं और इसी तरह के लक्ष्यों के खिलाफ करेगी। ओबामा प्रशासन ने अफ-पाक-यमन में ड्रोन हमले कम करने के साथ ही इन्हें दूसरे ठिकानों पर तैनात करना शुरू कर दिया है।ड्रोन विमान अभी तक पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान में हजारों आतंकियों को ढेर कर चुके हैं। लेकिन पिछले काफी समय से इनके हमलों के विरोध में आवाजें भी बुलंद होने लगी हैं। दरअसल, अमेरिका ने 2004 से अब तक पाकिस्‍तान में 350 ड्रोन हमले किए, जिसमें आतंकियों के साथ-साथ कई बेकसूर इंसान भी मारे गए। शायद इसीलिए अमेरिकी प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। लेकिन बता दें कि ड्रोन हमलों के जरिए अलकायदा और तालिबान के शीर्ष आतंकवादियों को मार गिराया गया था।