पाकिस्तान के कायदे आजम यानी मोहम्मद अली जिन्ना दक्षिण बलूचिस्तान उनके ऐतिहासिक मकान को उग्रवादियों ने बम से उठा दिया है। इससे यह 121 साल पुरानी इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।हलांकि उग्रवादियों का मकसद तो इस कायदे आजम रेजिडेंसी को पूरी इमरात को ध्वस्त करना था, लेकिन वे ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाए। उग्रवादियों ने इमारत में चार बम लग…
पाकिस्तान के कायदे आजम यानी मोहम्मद अली जिन्ना दक्षिण बलूचिस्तान उनके ऐतिहासिक मकान को उग्रवादियों ने बम से उठा दिया है। इससे यह 121 साल पुरानी इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।हलांकि उग्रवादियों का मकसद तो इस कायदे आजम रेजिडेंसी को पूरी इमरात को ध्वस्त करना था, लेकिन वे ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाए। उग्रवादियों ने इमारत में चार बम लगाए थे। बम ब्लास्ट होने के बाद उन्होंने इमारत पर ताबड़तोड़ फायरिंग भी की, इससे यहां आग भी लग गई। लेकिन दमकल कर्मियों ने इस इमारत को पूरी तरह से ध्वस्त होने नहीं दिया और आग पर काबू पा लिया।इस दौरान एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई है। इस इमारत में जिन्ना से जुड़ी कई चीजें और उनके स्मृति चिन्ह भी थे, जो आग की भेंट चढ़ गए।बता दें कि इस रेजिडेंसी का निमार्ण 1982 में किया था। वैसे यह आजादी से पहले एक ब्रिटिश गवर्नर का ग्रीष्मकालिक हाउस हुआ करता था, लेकिन आजादी के बाद जिन्ना ने इस इमारत में अपनी जिंदगी के अंतिम दिन बिताए थे। जिन्ना के गुजरने के बाद इस इमारत को पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया था।