दुबई से पाक के लिए रवाना हुए मुशर्रफ

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एक तरफ मुशर्रफ के पास सेव पाकिस्तान का नारा है तो दूसरी तरफ है तालिबानियों की जान से मार देने की धमकी। इन सब के बीच मुशर्रफ आज पाकिस्तान लौट रहे हैं- लेकिन जानकार इसे, उनका खुद का राजनीतिक करियर बचाने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं।क्या सेव पाकिस्तान का नारा मुशर्रफ को खोई राजनीतिक जमीन दिला पाएगा? आज की तारीख में मुशर्रफ के लिए सबसे अहम सवाल यही ह… दुबई से पाक के लिए रवाना हुए मुशर्रफएक तरफ मुशर्रफ के पास सेव पाकिस्तान का नारा है तो दूसरी तरफ है तालिबानियों की जान से मार देने की धमकी। इन सब के बीच मुशर्रफ आज पाकिस्तान लौट रहे हैं- लेकिन जानकार इसे, उनका खुद का राजनीतिक करियर बचाने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं।क्या सेव पाकिस्तान का नारा मुशर्रफ को खोई राजनीतिक जमीन दिला पाएगा? आज की तारीख में मुशर्रफ के लिए सबसे अहम सवाल यही है। लेकिन मुशर्रफ की राह में पहले से रोड़े बिछाए जा चुके हैं।तालिबान ने मुशर्रफ को धमकी देते हुए कहा है कि इस्लाम के मुजाहिदीनों ने मुशर्रफ को नरक में पहुंचाने के लिए एक खास दस्ता तैयार किया है। इस दस्ते में फिदायीन हैं, बंदूकधारी हैं, एक विशेष हमलावर टीम और एक बचाव टीम है लेकिन जनरल ने मैदान में डटे रहने की बात कही है।जनरल भले ही बहादुर चेहरा सामने रख रहे हों लेकिन यह भी हकीकत है कि जेल जाने के डर ने ही उन्हें लंदन में बसने को मजबूर किया था।1999 नवाज शरीफ की सरकार का तख्ता पलटना मुशर्रफ का पहला जुर्म बताया जाता है और फिर पाकिस्तान में आपात काल लागू करने को लेकर भी उनपर केस दर्ज है। 2007 में चीफ जस्टिस इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी को हटाना मुशर्रफ के गले की हड्डी बन गई। आरोप यह भी है कि 2007 में बेनजीर भुट्टो की सुरक्षा में जानबूझकर ढिलाई की गई नहीं तो भुट्टो आज जिंदा होतीं।  लेकिन अब मुशर्रफ सोची समझी रणनीति के तहत स्वदेश लौट रहे हैं और कानून का सामना करने को तैयार हैं।पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं। ज़रदारी सरकार के भ्रष्टाचार से लोग परेशान हैं। उनके मन में की सवाल हैं- मसलन- क्या मुशर्रफ़ पाकिस्तान को नया विकल्प दे पाएंगे या फिर क्या उन्हीं के हाथों सत्ता पर बिठाए कियानी, मुशर्रफ़ के सियासी सफर में कितना साथ देंगे देखना दिलचस्प होगा।