इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह मुकदमे की सुनवाई शुक्रवार से यहां की अदालत में शुरू हो गई। मुशर्रफ को 24 दिसंबर को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया गया है।
पहली सुनवाई के दौरान तीन जजों की अदालत ने 70 वर्षीय मुशर्रफ के खिलाफ सरकार की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही वह देश के पहले ऐसे जनरल बन गए हैं जिनके खिलाफ सरकार आपराधिक मुकदमा चलाएगी। देशद्रोह मामले में यदि मुशर्रफ दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है। गुरुवार को सरकार ने एक याचिका दाखिल कर अदालत से 2007 में आपातकाल लगाने और संविधान को निलंबित करने को लेकर मुशर्रफ के खिलाफ मुकदमा चलाने का आग्रह किया था।
दूसरी ओर लाहौर हाई कोर्ट में गुरुवार को दायर एक याचिका में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा सैन्य अदालत में चलाने का आग्रह किया गया है। राष्ट्रीय भूतपूर्व सैनिक सोसाइटी ने यह याचिका दायर की। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उस समय सेना प्रमुख रहे मुर्शरफ के खिलाफ 2007 को असंवैधानिक कदम उठाने के लिए सैन्य अदालत में मुकदमा चलाना चाहिए।