नोटबंदी का असर पड़ोसी देश नेपाल पर भी पड़ा है। करोड़ रुपये मूल्य के चलन से बाहर हो चुके 500 और 1000 रुपये के नोट नेपाल में मौजूद हैं। ऐसे में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ने स्वयं शीर्ष स्तर पर इस समस्या को सुलझाने की पहल की है। उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर नेपाली लोगों के पास मौजूद इन नोटों को बदलने की व्यवस्था करने का आग्रह किया।
मोदी के साथ फोन पर पांच मिनट की बातचीत के दौरान प्रचंड ने उनसे कहा कि नेपाली लोगों के पास 500 और 1000 रुपये के पुराने भारतीय नोटों का बड़ा भंडार है। नेपाल के हजारों लोग भारत में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते हैं, बहुत सारे लोग इलाज के लिए भारत जाते हैं और रोजमर्रा की जरूरत की चीजों को खरीदने के लिए भारतीय बाजारों पर नर्भिर करते हैं। ऐसे में उनके पास बड़ी मात्रा में भारतीय नोट पड़े हैं, जिनको चलन से बाहर किया जा चुका है।
नेपाली पीएम ने कहा, श्रद्धालु के तौर पर भारत का दौरा करने वाले और सीमा-पार व्यापार में लगे हुए लोगों के पास भी बड़ी मात्रा में चलन से बाहर हो चुके भारतीय नोट हैं। उनके निजी साइट पर जारी बयान में कहा गया कि इसको देखते हुए भारत को ऐसे इंतजाम करने चाहिए ताकि नेपाली लोग नेपाल में भारतीय नोट बदल सकें। बयान के मुताबिक, जवाब में मोदी ने कहा कि वह इस मुद्दे का तत्काल समाधान करेंगे और वत्ति मंत्री से कहेंगे कि वह अपने नेपाली समकक्ष के साथ बातचीत करें। गौरतलब है कि भारत में इन नोटों के अमान्य होने के बाद नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी)ने भी इन नोटों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
कई स्तर पर चल रही बात
नेपाल के वत्तिमंत्रालय ने भारतीय समकक्ष को इस मुद्दे पर पत्र लिखा है और चलन से बाहर हो चुके नोटों को बदलने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। एनआरबी ने भी भारतीय रिजर्व बैंक से आधिकारिक रूप से अनुरोध किया है,जिसे उसने सरकार को प्रेषित कर दिया है।
सरकार का रुख
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन नेपाली नागरिकों को भारत के बैंकों में खाता हैं, उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं हैं। वे भी मौजूदा व्यवस्था के तहत बैंकों से नोट बदल सकते हैं। हालांकि,नेपाल में मौजूद नोटों के लिए उच्च स्तर पर चर्चा चल रही है।
कितनी राशि मौजूद
3.3 करोड़ रुपये के मूल्य के नोट नेपाल राष्ट्र बैंक में हैं जमा । हालांकि, वास्तविक राशि इससे कहीं अधिक हैं, क्योंकि लोगों को 25 हजार रुपये तक नेपाल नकदी के रूप में ले जाने की इजाजत थी। इसके साथ ही सीमावर्ती इलाकों में बड़े पैमाने पर दोनों देशों में कारोबार होता है, जिसके के लिए भारतीय नोट का इस्तेमाल होता है।