पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाएं और बम धमाके रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं, ताजा मामला पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के पेशावर का है जहां अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के निकट सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी के काफिले को आत्मघाती बम हमले में निशाना बनाया गया। हमले में 12 लोग मारे गए और 25 घायल हो गए।फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के कमांडेंट अब्दुल माजिद खान मारवात का का…
पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाएं और बम धमाके रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं, ताजा मामला पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के पेशावर का है जहां अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के निकट सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी के काफिले को आत्मघाती बम हमले में निशाना बनाया गया। हमले में 12 लोग मारे गए और 25 घायल हो गए।फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के कमांडेंट अब्दुल माजिद खान मारवात का काफिला जब पेशावर कैंट के सदर इलाके में एक जांच चौकी के नजदीक धीमा हुआ तो मोटरसाइकिल सवार आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया। मारवात सुरक्षित हैं हालांकि उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।इस धमाके की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि दो महिलाओं समेत छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि छह लोगों ने लेडी रीडिंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। मरने वालों में दो सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।साथ ही अधिकारियों ने बताया कि घायलों में फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के चार कर्मी भी शामिल हैं। घायल हुए लोगों में कुछ की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है। मारवात ने मीडिया से कहा कि उनके काफिले को निशाना बनाया गया। लेकिन विस्फोट वाहन से कुछ ही दूरी पर हुआ।अन्य अधिकारियों ने बताया कि हमलावर के आत्मघाती जैकेट में 10 किलोग्राम विस्फोटक थे। वहीं प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने आत्मघाती हमलावर का सिर और शरीर के अन्य अंग देखे।किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मदारी नहीं ली है। हालांकि आमतौर पर ऐसे हमलों के लिये प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया जाता है।बता दें कि अगस्त 2010 में पेशावर के इसी इलाके में इसी तरह के आत्मघाती हमले में फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के कमांडेंट सिफवात गयूर मारे गए थे।