भारत के लिए खतरा बना हुआ है लश्कर

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वाशिंगटन। मुंबई हमले के पांच साल बाद भी लश्कर-ए-तैयबा पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है। भारत के खिलाफ पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का दुलारा बना हुआ है। दक्षिण एशिया में आतंकवाद निरोधी मसलों पर अमेरिकी विशेषज्ञ ने यह बात कही है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसी के पूर्व विशेषज्ञ ब्रूस रीडल ने कहा,’लश्कर पहले से ज्यादा मजबूत हो गया है। पाकिस्तान में इसके सुरक्षित गढ़ हैं। धन एकत्रित करने के लिए खाड़ी देशों में इसका नेटवर्क है। वह भारत, अमेरिका और अन्य देशों के लिए बड़ा खतरा है।’ आइएसआइ और लश्कर के बीच संबंध के बारे में पूछे जाने पर ब्रूकिंग इंस्टीट्यूट से जुड़े रीडल ने कहा, ‘लश्कर को लगातार आइएसआइ से मदद मिल रही है। शरीफ सरकार जरदारी सरकार के मुकाबले इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने में कम रुचि ले रही है।’

विशेषज्ञ और पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बात को दोहराया कि आइएसआइ लगातार लश्कर का सहयोग कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इससे भारत और अमेरिका को समान रूप से खतरा है। राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रथम कार्यकाल में ह्वाइट हाउस में नेशनल सिक्युरिटी काउंसिल के दक्षिण एशिया के ं वरिष्ठ निदेशक रहे चुके अनीश गोयल ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है हाल के वर्षो में लश्कर कमजोर नहीं हुआ है। निसंदेह वह अभी भी भारत के लिए खतरा बना हुआ है। यह समूह भारत पर ध्यान केंद्रित किए हुए है। इसलिए अमेरिका के लिए उसका खतरा उतना नहीं है।

पाकिस्तान में कई आतंकी संगठन मिलकर काम करते हैं इसलिए अमेरिका लश्कर या किसी अन्य आतंकी संगठन को क्षेत्र में नजरअंदाज नहीं कर सकता।

लश्कर को जमात-उद-दावा (जेयूडी) की सशस्त्र विंग करार देते हुए पाकिस्तानी लेखक आरिफ जमाल ने कहा, पिछले पांच साल में जेयूडी काफी मजबूत हुआ है। जमाल की किताब ‘कॉल फॉर ट्रांजिशनल जिहाद : लश्कर-ए-तैयबा 1985-2014’ जल्द ही बाजार में आने वाली है। उन्होंने कहा कि जेयूडी/लश्कर विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। यह इतिहास में सबसे बड़ा आतंकी समूह है जिसके पांच लाख से अधिक हथियारबंद और प्रशिक्षित सदस्य हैं।