विश्व पटल पर तेजी से एक बड़ी आर्थिक और सैन्य ताकत के रूप में उभर रहे चीन को गुरूवार को औपचारिक रूप से नया राष्ट्रपति मिल गया। राष्ट्रपति और सेना प्रमुख के तौर पर शी जिनफिंग के नाम पर मुहर लगने के साथ ही यहां सत्ता का नया अध्याय शुरू हुआ।चीन की संसद ने हू जिंताओ के सत्ता छोड़ने के बाद 59 वर्षीय शी जिनपिंग को राष्ट्रपति और सैन्य प्रमुख चुना है। शी ने…
विश्व पटल पर तेजी से एक बड़ी आर्थिक और सैन्य ताकत के रूप में उभर रहे चीन को गुरूवार को औपचारिक रूप से नया राष्ट्रपति मिल गया। राष्ट्रपति और सेना प्रमुख के तौर पर शी जिनफिंग के नाम पर मुहर लगने के साथ ही यहां सत्ता का नया अध्याय शुरू हुआ।चीन की संसद ने हू जिंताओ के सत्ता छोड़ने के बाद 59 वर्षीय शी जिनपिंग को राष्ट्रपति और सैन्य प्रमुख चुना है। शी ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी) की कमान चार महीने पहले संभाली थी। उन्हें शक्तिशाली सैन्य आयोग का अध्यक्ष भी चुना गया है।नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के 3000 सदस्यों ने शी को राष्ट्रपति और सैन्य आयोग का अध्यक्ष चुना। सैन्य आयोग विश्व के सबसे बड़े सैन्य बल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की जिम्मेदारी संभालता है।गौरतलब है इस औपचारिक चयन के साथ ही देश में एक दशक बाद सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया शांतिपूर्वक पूरी हो गई और शी चीन के सबसे ताकतवर नेता बनकर उभरे हैं। हू और प्रधानमंत्री वेन च्याबो औपचारिक तौर पर सेवानिवृत्त हुए हैं ।इसके साथ ही एनपीसी ने सुधारों का समर्थन करने वाले पोलित ब्यूरो के सदस्य ली युआनचाओ को उप राष्ट्रपति चुना है। ली का चयन आर्थिक प्रगति को पटरी पर लाने के लिए सुधारों को गति देने के मकसद किया गया है।