अब धड़ल्ले से नहीं हो सकेगा लाल बत्ती का उपयोग

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इमालवा – भोपाल | वाहनों के अग्रशीर्ष भाग पर लाल एवं पीली बत्ती के प्रयोग किये जाने के संबंध में परिवहन विभाग ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब जो व्यक्ति पात्र होंगे, वही उस रंग की बत्ती का उपयोग वाहन के अग्रशीर्ष भाग पर कर सकेंगे।

केन्द्रीय मोटरयान नियम-1989 के तहत संबंधित नियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुशरण में परिवहन विभाग ने पूर्व समस्त अधिसूचनाओं को अधिक्रमित करते हुए अनुज्ञा प्रदान की है। इसके तहत यान के अग्रशीर्ष भाग पर लाल बत्ती, जबकि यान प्रदेश में कहीं भी ड्यूटी पर हो, लगाई जा सकती है। जिन व्यक्तियों को इस अनुज्ञा के तहत लाल बत्ती लगाने की पात्रता होगी, वह हैं राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, मंत्रीगण, राज्य मंत्रीगण, नेता प्रतिपक्ष, लोकायुक्त और अध्यक्ष राज्य मानव अधिकार आयोग।

इसी तरह जिन व्यक्तियों को परिवहन विभाग के आदेश अनुसार वाहन के अग्रशीर्ष भाग पर पीली बत्ती लगाने की पात्रता होगी, उनमें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, मुख्य सचिव/समकक्ष अधिकारी, पुलिस महानिदेशक/समकक्ष अधिकारी, संभागीय आयुक्त (अपने संभागों में), क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक (अपनी रेंज में), कलेक्टर/अपर कलेक्टर (अपने जिले में), पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपने जिले में), अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)/एसडीएम/एसडीओपी/ सीएसपी (अपने अनुभाग में)।

आज जारी किये गये आदेश के अनुसार रोगियों को ले जाने के लिये प्रयुक्त एम्बुलेंस में लगायी गयी पर्पल ग्लास वाली ब्लिंकर किस्म की लाल लाइट, टॉप लाइट के रूप में फ्लेशर सहित या रहित नीली लाइट का उपयोग उन अति गणमान्य व्यक्तियों की एस्कार्टिंग करने वाले तक सीमित होगा, जो लाल लाइट का उपयोग करने के हकदार हैं। उस दशा में जब यान गणमान्य व्यक्तियों को नहीं ले जा रहा हो, यथास्थिति लाल, नीली या पीली लाइट का उपयोग नहीं किया जायेगा और उसे काले आवरण से ढँका जायेगा। पीली बत्ती की अनुज्ञा प्राप्त पदाधिकारियों को सक्षम प्राधिकारी (क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/जिला परिवहन अधिकारी) द्वारा जारी प्रमाण-पत्र मोटरयान की विण्ड स्क्रीन पर चस्पा कर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।