उज्जैन, खंडवा, रतलाम के जंगलों में सिमी आतंकियों के कैंप

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इमालवा-iभोपाल। उज्जैन में हुए तनाव के पीछे कौन सा गुट सक्रिय है, यह तो अभी खुलकर सामने नहीं आया है लेकिन पुलिस आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर भी नजर बनाए हुए है। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के खंडवा, रतलाम, उज्जैन सहित अन्य शहरों में नेटवर्क फैलाने के बाद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया ने रिहायशी इलाकों से दूर घने जंगलों में कैंप करना शुरू कर दिए हैं।

बिजनौर ब्लास्ट की जांच कर रही यूपी एसटीएफ ने ये जानकारी एमपी एटीएस को दी है। यूपी के जांच अधिकारी एवं बिजनौर एसपी सतेंद्र कुमार सिंह ने इस बात की पुष्टि की है कि जो आतंकी बिजनौर में छिपे थे उनमें कुछ रतलाम शहर से 10 किमी दूर जंगल में लगाए गए कैंप में शामिल हुए थे। शिविर इसी साल लगाया गया था जिसमें बिजनौर के आधा दर्जन युवक भी शामिल हुए थे।

संभवत: इन्हीं युवकों ने खंडवा जेलब्रेक के बाद फरार आतंकियों को यूपी में सिर छिपाने में मदद दी थी। यूपी एसटीएफ की तफ्तीश में सामने आए इन तथ्‍यों को एमपी एटीएस आईजी संजीव शमी ने पूरी तरह से खारिज नहीं किया है। आईजी एटीएस के मुताबिक इस तरह की जानकारी यूपी एसटीएफ को किन स्त्रोतों से प्राप्त हुई है। इसके बारे में पड़ताल पूरी नहीं हुई है। एमपी एटीएस के मुताबिक सिमी के सभी राज्यों में मॉड्यूल सक्रिय हैं लेकिन यूपी के युवकों का प्रशिक्षण के लिए एमपी आना जांच का विषय है।

5 अक्टूबर को किया खुलासा 

स्थानीय स्तर पर हुई गिरफ्तारियों और पूछताछ के बाद यूपी एसटीएफ ने 5 अक्टूबर को ही एमपी में केंप की खबर एनआईए को दी थी जिससे बाद में एमपी एटीएस को अवगत कराया गया। खंडवा जेलब्रेक कांड के बाद सिमी के फरार पांच आतंकी एजाजुद्दीन, गुड्डू उर्फ महबूब, असलम, जाकिर और अमजद यूपी के बिजनौर जिले में छिपे थे।

बम बनाने के दौरान हुए ब्लास्ट में घायल होने के बावजूद ये भाग निकले थे। एनआईए के साथ यूपी एसटीएफ इस मामले की जांच कर रही है जिसमें एमपी एटीएस की 10 सदस्यीय टीम मदद दे रही है। उल्लेखनीय है कि यूपी एसटीएफ इससे पहले रतलाम में हाल ही में हुई दो हत्याओं में सिमी का हाथ होने का खुलासा कर चुकी है।