इमालवा – मध्यप्रदेश | मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त करने वाले सैनिकों की तरह देश की आंतरिक सुरक्षा के दौरान कर्तव्य की खातिर जान गंवाने वाले भी शहीद हैं और दोनों में कोई भेद नहीं किया जा सकता है.
चौहान ने गुरुवार रात अपने निवास पर पदक विजेता पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि आंतरिक सुरक्षा कायम रखने के लिए प्राणों का उत्सर्ग करने वाले शहीदों के परिवार भी समान रूप से सम्मान एवं सुविधा के हकदार हैं.
उन्होंने पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे राज्य की सुरक्षा, कानून एवं व्यवस्था पर ध्यान दें. पुलिस की जरूरतों का ध्यान राज्य सरकार रखेगी. पुलिस बल के कल्याण के लिए पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लागू की गई है. आवासीय समस्या के समाधान के लिए नए आवास बनाए जा रहे हैं. यह काम आगे भी जारी रहेगा.
पुलिस बल में निरंतर की जा रही वृद्धि का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2004-05 में पुलिस बल की संख्या 70 हजार थी, जो आज बढ़कर एक लाख से अधिक हो गई है. उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं. शांति एवं व्यवस्था कायम रखने के लिए जितने भी मानदण्ड होते हैं, सबमें पुलिस ने उत्कृष्ट कार्य किया है.
उन्होंने मरणोपरांत पदक विजेताओं के परिजनों से कहा कि वे खुद को कभी अकेला महसूस नहीं करें. राज्य की सरकार सदा ही उनके साथ है.
इस अवसर पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ने पुलिस के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किए जा रहे कायरे का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री चौहान के प्रयासों के प्रति आभार प्रकट किया.