भोपाल। अतिवृष्टि और ओला से बर्बाद फसल के मुआवजे के लिए राज्य सरकार ने प्रांरभिक स्तर पर 500 करोड़ का फंड बनाया है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मुआवजे के प्रावधानों में बदलाव का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय से प्रावधान में बदलाव न होने से किसानों को पर्याप्त मुआवजा केन्द्र से नहीं मिल पा रहा है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि मप्र सरकार ने आरबीसी 6-4 में बदलाव कर 25 फीसदी फसल का नुकसान होने पर भी मुआवजा देने का प्रावधान किया है, लेकिन केन्द्र द्वारा 50 फीसदी फसल का नुकसान होने पर मुआवजा देने का प्रावधान है। इसके चलते मप्र पर बेवजह बोझ आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने आग्रह किया है कि ओला गिरने से गेहूं की चमक कम हो गई है वहीं दाना भी काला पड़ गया है। ऐसे में एफसीआई द्वारा राज्य से की जाने वाली गेहूं खरीदी के नियमों एफएक्यू में थोड़ी राहत दी है। कम चमक वाले दाने की भी खरीद की जाए।
पंचायत भवन में लगेगी सर्वे की सूची
मुख्यमंत्री ने फसल नुकसानी का सर्वे करने पहली बार राजस्व, कृषि और पंचायत विभाग के अफसरों की संयुक्त टीम बनाई है। यह सर्वे की जानकारी पंचायत भवन में लगाएगी, जिससे किसान आपत्ति की दशा में संशोधन करा सकें।
विभागों के बजट में होगी कटौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों की फसल का बहुत नुकसान हुआ है। राज्य सरकार एक-एक किसान के नुकसान की भरपाई करेगी। भले ही इस बार सड़के न बने, लेकिन मुआवजे के लिए पैसों की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने सभी मंत्रियों से कहा है कि जरूरत पड़ने पर उनके विभाग के बजट में कटौती कर किसानों का मुआवजा दिया जाएगा।
गेहूं खरीदी के लिए राज्य सरकार देगी गारंटी
प्रदेश में 25 मार्च से होने वाली गेहूं खरीदी के लिए केन्द्र से साख न मिलने पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि इसके लिए राज्य सरकार आरबीआई से कर्ज लेने के लिए खुद गारंटी देगी। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम को 17500 करोड़ का कर्ज लेने के लिए गारंटी देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस मामले में स्वयं 23 को दिल्ली जाकर केन्द्र से सहयोग करने का आग्रह करेंगे।