भोपाल-इमालवा | मध्य प्रदेश से कुपोषण को मिटाने के लिए चल रही कोशिश के चलते 82 लाख महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक आहार देकर लाभान्वित किया गया है। परिणाम-स्वरूप कुपोषण के ग्राफ में 8 प्रतिशत की कमी आई है। महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह ने यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि पोषण आहार केंद्रों से महिला-बच्चों को दिए जाने वाले आहार में उनकी रुचि के साथ ही पौष्टिकता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विटामिन, माइक्रो न्यूट्रीन और प्रोटीनयुक्त आहार देने के कारण नेशनल इंस्टीट्यूट न्यूट्रीन हैदराबाद द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में कुपोषण 60 से घटकर 52 प्रतिशत पर पहुंच गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में होने वाले सर्वेक्षण में यह ग्राफ और नीचे जाएगा।
प्रदेश में पोषण आहार केंद्रों से छह माह से तीन साल तक के 32 लाख बच्चे को पोषण आहार दिया जा रहा है। तीन से छह साल तक के 30 लाख बच्चे पोषण आहार प्राप्त कर रहे हैं। इन्हीं केंद्र से 12 लाख गर्भवती एवं धात्री महिला को पोषण आहार दिया जा रहा है। सबला योजना में 11 से 18 वर्ष की आठ लाख बालिका को पोषण आहार के साथ ही हर सप्ताह आयरन और विटामिन की गोलियां भी दी जा रही हैं।
अति-कम वजन के बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए विशेष रूप से पूरे प्रदेश में सुपोषण अभियान चलाया गया। अभियान से 50 हजार बच्चे लाभान्वित हुए हैं। अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 5000 स्नेह शिविर लगाकर अति-कम वजन के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण रुचिकर पोषण आहार दिया गया।