इमालवा-भोपाल। मध्यप्रदेश में मिलावटी दूध, अन्य पेय सामग्री और नकली दवा बेचने वाले को आजीवन कारावास होगा। इस संबंध में सोमवार को विधानसभा ने दंड-विधि विधेयक 2014 में संशोधन विधेयक पारित कर दिया। इसके अनुसार अब यह अपराध गैर जमानती होगा। इसकी सुनवाई भी सेशन कोर्ट में होगी। अब तक इसके लिए अधिकतम सजा 6 माह और एक हजार जुर्माने का प्रावधान था।
नए कानून के अनुसार दूध से बने उत्पाद, अन्य खाने-पीने का सामान और दवाओं में मिलावट करने अथवा बेचने पर आजीवन कारावास होगा। उल्लेखनीय है कि मिलावट पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि ऐसे कई मामलों में मिलावटखोरों को पकड़ कर सजा भी दी गई है, लेकिन अधिकतम 6 माह का कारावास होने से मिलावट खोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के राज्य का हवाला देते हुए सभी राज्यों को मिलावट करने वालों को आजीवन कारावास का कानून बनाने के निर्देश दिए थे।
दो मिनट में दो विधेयक पारित -हंगामे के बीच ही दो महत्वपूर्ण विधेयक दंड विधि और आकस्मिकता निधि संशोधन विधेयकों को दो मिनट में पारित करवा दिया। वहीं लोकायुक्त-उप लोकायुक्त संशोधन विधेयक को पटल पर रखा गया। इधर शोर शराबे के बीच कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना पर अपना जवाब दिया। हंगामा शांत न होते देख विस अध्यक्ष शर्मा ने सदन को मंगलवार सुबह 10.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
500 करोड़ हुई आकस्मिकता निधि
राज्य सरकार की आकस्मिकता निधि 200 करोड़ से बढ़कर 500 करोड़ हो गई है। इस संबंध में विस में आकस्मिकता निधि संशोधन विधेयक 2014 पारित किया गया। उल्लेखनीय है कि एक नवंबर 1956 को 2 करोड़ स्र्पए से आकस्मिकता निधि बनाई गई थी। राज्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर इसमें बढ़ोतरी होती रही।