बेतूल। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा चाय बनाकर पिलाना भारत का अपमान है। यह बात जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने गुरूवार को बालाजीपुरम में आयोजित धर्म संसद के दौरान पत्रकारों से चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि भले ही नरेन्द्र मोदी पहले गरीब थे और चाय बेचते थे, लेकिन अब प्रधानमंत्री के रूप में भारत हो गए हैं और ओबामा अमेरिकन हैं।
भारत इतना गरीब देश नहीं है कि वो ओबामा को चाय बनाकर पिलाए, यह अपमान किया है। एक सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा कि ओबामा हमें जो नसीहत न दें बल्कि पहले अपने धर्मगुरू को धर्म के आधार पर बंटवारे का प्रचार करने से रोकें। साईं बाबा को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि साईं न तो ईश्वर है, न संत है और ना ही गुरू है। हिन्दुओं को साईं के नाम पर फैलाये जा रहे पाखंड से बचना होगा तभी सनातन धर्म की रक्षा होगी।
शिवराज पर साधा निशाना
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नव वर्ष पर शिरडी जाने को लेकर भी शंकराचार्य ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा कि शिरडी जाने से भले ही वे देश के प्रधानमंत्री बन जाएं लेकिन उनका परलोक नहीं सुधर सकता।
कमजोर हो रहे अनुयायी
शंकराचार्य ने सनातन धर्म के कमजोर होने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि सनातन धर्म कमजोर नहीं हो रहा बल्कि उसके अनुयायी कमजोर हो रहे हैं। इसी का फायदा उठाकर साईं के नाम पर पाखंड फैलाया जा रहा है। धर्म संसद के माध्यम से सनातन धर्म के अनुयायियों को धर्म की रक्षा और पाखंड का मुकाबला करने में सबल बनाया जा रहा है।
अपमान कर रहीं फिल्में
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने देश में हिन्दू धर्म का खिलवाड़ करने वाली फिल्मों को लेकर सेंसर बोर्ड को आड़े हाथों ले लिया। उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड कुछ लेकर ऐसी फिल्मों को अनुमति दे रहा है जो हिन्दू धर्म का अपमान कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि साईं को लेकर मनोज कुमार ने जो फिल्म बनाई थी उसी से भ्रम फैलना प्रारंभ हो गया था।