प्रवेश प्रक्रिया को ऑनलाइन करके देश का पहला राज्य बना मध्यप्रदेश

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इमालवा – भोपाल (राजेश पाण्डेय) | उच्च शिक्षा विभाग में वर्ष 2012-13 में प्रवेश प्रक्रिया में अभिनव प्रयोग किया गया। महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष और स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध में प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में पहली बार प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन की गयी। साथ ही उच्च शिक्षा ऋण गारंटी योजना और निक्षेप योजना प्रारंभ की गयी। ऋण गारंटी योजना में निम्न आय वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को राज्य सरकार की गारंटी पर 7 लाख रुपये से अधिक का ऋण उपलब्ध होता है। निक्षेप योजना में हाउसिंग बोर्ड द्वारा 17 महाविद्यालय और 16 कन्या छात्रावास भवन का निर्माण प्रारंभ हुआ।

आधुनिक तकनीक से शिक्षण

विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक से शिक्षण व्यवस्था के लिये वर्ष 2012-13 में 38 शासकीय महाविद्यालय में स्मार्ट क्लास-रूम बनवाये गये। कुल 100 महाविद्यालय में स्मार्ट क्लास-रूम बनवाना है। इसी तरह 15 शासकीय महाविद्यालय में ई-लर्निंग रिसोर्स सेंटर भी स्थापित किये गये।

हितग्राही मूलक योजनाओं में पिछले माली साल में गाँव की बेटी योजना में 32 हजार 695 छात्रा और प्रतिभा किरण योजना में 2,704 छात्रा लाभान्वित हुईं। इसी वर्ष यह योजना सभी अशासकीय महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं पर भी लागू की गयी। महाविद्यालय में अध्ययनरत 42 हजार 325 छात्रा को आवागमन सुविधा का लाभ दिया गया। विक्रमादित्य योजना में 1928 विद्यार्थी लाभान्वित हुए। इस योजना में लाभान्वितों की संख्या बढ़ाने के लिये पारिवारिक आय-सीमा 42 हजार से बढ़ाकर 54 हजार की गयी। अनुसूचित-जाति एवं अनुसूचित-जनजाति के विद्यार्थियों को पुस्तकों के लिये राशि 600 से 1500 रुपये और स्टेशनरी के लिये 50 से बढ़ाकर 500 रुपये की गयी। योजना में 58 हजार 527 अनुसूचित-जाति तथा 48 हजार 606 अनुसूचित-जनजाति वर्ग के विद्यार्थी लाभान्वित हुए।

शोध छात्रवृत्ति दोगुनी हुई

पिछले माली साल में ही अनुसूचित-जाति एवं जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को शोध के लिये दी जाने वाली छात्रवृत्ति दोगुनी की गयी। यह राशि 8 हजार से बढ़ाकर 16 हजार की गयी। योजना में अनुसूचित-जाति के 42 और अनुसूचित-जनजाति के 11 विद्यार्थी लाभान्वित हुए। एकीकृत छात्रवृत्ति योजना में संस्कृत छात्रवृत्ति एवं सामान्य छात्रवृत्ति के लिये परिवार की वार्षिक आय 25 हजार से बढ़ाकर 54 हजार रुपये की गयी।

11 हजार 671 विद्यार्थी का प्लेसमेंट

विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना में 2 लाख 28 हजार 670 विद्यार्थी को मार्गदर्शन दिया गया। इसके साथ ही 20 हजार विद्यार्थी को कौशल विकास कार्यक्रम में 50 एम.ई.एस. कोर्स का प्रशिक्षण दिलवाया गया। कैरियर मेले के माध्यम से विभिन्न कम्पनी में 11 हजार 671 विद्यार्थी का प्लेसमेंट हुआ।

9 नवीन महाविद्यालय

दूरस्थ अंचल में रहने वाले विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिये पिछले माली साल में सुदूर अंचलों में 9 नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किये गये। यह महाविद्यालय दतिया जिले में इन्द्रगढ़, सीहोर में बकतरा एवं डोबी, अनूपपुर में जैतहरी, अशोकनगर में ईसागढ़, मंदसौर में सीतामऊ, विदिशा में नटेरन, देवास में टोंेकखुर्द और श्योपुर में शासकीय विधि महाविद्यालय प्रारंभ किये गये।