कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में आज पांचवें राज्य वित्त आयोग की संभागस्तरीय बैठक अध्यक्ष वित्त आयोग श्री हिम्मत कोठारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में पांचवे वित्त आयोग की संदर्भ शर्ते, राज्य करों में स्थानीय निकायों की भागीदारी, पिछले वित्त आयोग की अनुशंसाएं, विभागीय कोष आदि के संबंध में आयोग द्वारा जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत से विस्तृत जानकारी ली गई। बैठक में अध्यक्ष श्री कोठारी ने कहा कि जनप्रतिनिधि और मुख्य कार्यपालन अधिकारी आपस में समन्वय बनाकर समस्याओं का समाधान करें और जनप्रतिनिधियों द्वारा चाही गई जानकारी समय पर उपलब्ध हो सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें।
बैठक में अध्यक्ष श्री कोठारी ने भोपाल, राजगढ़, विदिशा, रायसेन और सीहोर जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से जिला पंचायतों की वित्तीय स्थिति की विषयवार जानकारी ली। आयोग द्वारा दिया गया वार्षिक अनुदान और उनके द्वारा शासन की हितग्राहीमूलक योजनाओं में व्यय की गई राशि, पंचायतों के स्वयं के स्त्रोतों से प्राप्त वार्षिक आय के संबंध में भी जानकारी ली गई।
भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मनमोहन नागर ने कहा कि जिला पंचायतें एवं जनपद पंचायतें 24 विभागों का क्रियान्वयन करती हैं जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतें शासकीय हित को लेकर जो भी अनुमोदन करें उसका पालन होना चाहिए एवं करों की वसूली के लिये कोई कानून बनाना आवश्यक है ताकि आय का स्त्रोत बढ़ सके।
संभागायुक्त श्री अजात शत्रु श्रीवास्तव ने बैठक में कहा कि ग्रामीण विकास के लिये वित्त आयोग से जो अनुदान मिलता है उसके अलावा जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत अपने स्तर पर भी राजस्व आय बढ़ाने की योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि जिला पंचायतों को बस ट्रांसपोर्ट परमिट दिये जाने का प्रावधान है, जिला पंचायतें परमिट प्राप्त कर ग्रामीण क्षेत्र में बसें चलाने की योजना बनाकर एवं नगर पालिकाएं व्यावसायिक भवन बनाकर आय के स्त्रोत को बढ़ाने का प्रयत्व करें। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत की करारोपण व्यवस्था को सशक्त बनाना भी सुनिश्चित करें।
बैठक में भोपाल संभाग के सभी जिलों के जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद अध्यक्ष, जनप्रतिनिधि सहित संयुक्त आयुक्त श्री एम.एल.त्यागी भी मौजूद थे।